नव वर्ष तुम आये
झोली में अपनी
अनेकों उम्मीदें भर लाये
जीवन में चलते जाने की
मशाल लिए मुस्काए
ठोकरें थीं जो पिछले वर्ष
भूल उन्हें हम बढ़ जाएँ
अपनी मंज़िल को पाने की
ज्योति हम हर रोज़ जलाएँ
आँधी बारिश तूफ़ानों में
ज्योत कभी न बुझने पाए
दूर करें अँधियारा जग का
आशा की किरणें चमकाएँ
छोड़ के अपनी चिंता सारी
दूजों के भी दुःख अपनाएँ
लेकर दीपक स्वयं करों में
मज़बूत क़दम से बढ़ते जाएँ
मीठी मीठी वाणी से हम
इंसानों में विश्वास जगाएँ
भेद भाव से बचें सभी मन
कुटिया को भी महल बनायें
आओ प्रण लें, कटीली डगर से
कंटक चुन, नई राह बनायें
कठिन समस्या का समाधान हो
मुश्किल से न हम घबराएँ
रुकें न क़दम कभी हमारे
बाधाओं से लड़ते जाएँ
देकर दिल से दुआ सभी को
नव वर्ष खुशी खुशी मनाएँ |
आने वाले नए समय में
कोरोना से मुक्ति हम पाएँ