प्रिंट इंडस्ट्री कोरोना वायरस के प्रकोप के साथ ही विज्ञापन राजस्व में कमी और न्यूज प्रिंट पर कस्टम ड्यूटी के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रही है। लिहाजा इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी (आईएनएस) ने एक अनुमान लगाया है कि प्रिंट मीडिया इंडस्ट्री में विज्ञापनों की कमी की वजह से मार्च और अप्रैल में लगभग 4,500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
आईएनएस ने आशंका जताई है कि अगले सात महीनों तक प्रिंट मीडिया इंडस्ट्री को नुकसान हो सकता है। यानी इन सात महीने में नुकसान का जो कुल आकलन बताया गया है, वो करीब 15,000 करोड़ रुपए तक का हो सकता है। आईएनएस ने कहा, यदि सरकार अच्छा खासा प्रोत्साहन पैकेज देती है, तो इस नुकसान से निपटा जा सकता है।
इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी के प्रेजिडेंट शैलेश गुप्ता ने कहा कि घाटे की वजह से अखबार कंपनियां अपने एम्प्लॉइज और वेंडर्स के वेतन का भुगतान करने में असमर्थ हैं।
आईएनएस ने अखबारी कागज (न्यूजप्रिंट) पर आयात शुल्क हटाने और दो साल तक टैक्स न लिए जाने की अपनी बात फिर दोहराई है। जहां तक प्रिंट मीडिया का सवाल है तो समाचार पत्र निकाय ने सरकार से यह भी आग्रह किया है कि वह ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन की विज्ञापन दरों को 50 प्रतिशत तक बढ़ाएं और बजट खर्च में भी 200 प्रतिशत की बढ़ोतरी करें।
आईएनएस ने सरकार से कहा है कि यह संकट न केवल इस माध्यम से जुड़े लोगों पर बल्कि पूरे सिस्टम पर पड़ेगा।