भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने बॉयोमीट्रिक पहचान संख्या (आधार) से सुरक्षा की एक और परत जोड़ने का फैसला किया है. सोमवार को यूआईडीएआई ने बताया कि आधार कार्ड धारकों के सत्यापन के लिए ‘फेस रेकग्निशन’ सुविधा शुरू जाएगी. इसके तहत व्यक्ति के चेहरे की स्कैनिंग के जरिए पहचान की जाती है. यूआईडीएआई ने कहा है कि जुलाई से यह सुविधा शुरू हो जाएगी.
अभी तक आधार कार्ड धारकों का सत्यापन उनकी अंगुलियों के निशान और आंखों की पुतलियों के स्कैन के जरिए किया जाता था. रिपोर्ट के अनुसार यूआईडीएआई ने कहा है कि इन दोनों विकल्पों से सत्यापन में कई लोगों को दिक्कत होती थी, जिसे देखते हुए यह कदम उठाया गया है. यूआईडीएआई के मुताबिक आधार नामांकन के समय आधार कार्ड धारकों की जो फोटो ली गई थी, वह यूआईडीएआई के डेटाबेस में मौजूद है और उसे ही सत्यापन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
यूआईडीएआई ने यह भी स्पष्ट किया है कि ‘फेस रेकग्निशन’ की सुविधा को सत्यापन के किसी एक अन्य विकल्प के साथ ही इस्तेमाल किया जा सकेगा. सत्यापन के अन्य विकल्पों में आधार कार्ड धारकों के आंखों की पुतलियों या अंगुलियों के निशान का स्कैन या वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) हो सकता है. यूआईडीएआई के मुताबिक यह सुविधा जरूरत के आधार पर चुनिंदा सत्यापन सेवा केंद्रों पर ही दी जाएगी.