कर्नाटक के सकल और प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी सी नागेश ने भारत में कला और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) की छठी कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) परियोजना का शुभारंभ किया। भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत बेंगलुरु में 1 दिसंबर 2021 को यह परियोजना शुरू की गई। ओएनजीसी की ओर से आयोजित इस परियोजना का उद्देश्य जरूरतंदों और दिव्यांगों के लिए ब्लॉक प्रिंटिंग और रोजगार में कारीगर प्रशिक्षण प्रदान करके उन्हें मुख्य धारा से जोड़ना है। कर्नाटक स्थित एनजीओ चिरंथना के सहयोग से यह पहल की जा रही है।
मंत्री बी सी नागेश ने कहा कि पारंपरिक कला और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए ओएनजीसी की ओर से चलाई जा रही परियोजनाएं वास्तव में आजादी की सच्ची भावना को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि सीएसआर का फंड समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचता है। मंत्री ने विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में सीएसआर के माध्यम से राज्य की शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए ओएनजीसी के सहयोग की मांग की।
ओएनजीसी के सीएमडी सुभाष कुमार ने कहा कि ओएनजीसी ने हमेशा पारंपरिक भारतीय कला और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने और उसे संरक्षित करने पर जोर दिया है और इन क्षेत्रों में कई सीएसआर परियोजनाएं शुरू की हैं। श्री कुमार ने कहा कि यह छठी परियोजना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह न केवल हस्तशिल्प को बढ़ावा देती है बल्कि दिव्यांग लोगों के लिए रोजगार भी पैदा करेगी।
ओएनजीसी की निदेशक (एचआर) डॉ. अलका मित्तल ने कहा कि एक समावेशी संगठन होने के नाते ओएनजीसी समाज में हर किसी की क्षमताओं का पोषण करने के लिए हरसंभव प्रयास करती है। उन्होंने आगे बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव में भाग लेने के अलावा ओएनजीसी ने स्मारकों से लेकर संगीत और नृत्य व कला तक के संरक्षण के लिए कई पहल की है।
आजादी का अमृत महोत्सव को देखते हुए देश के स्वदेशी हस्तशिल्प क्षेत्र को बढ़ावा देने को लेकर ओएनजीसी अन्य तेल पीएसयू के साथ विभिन्न परियोजनाओं को शुरू करने में सहयोग कर रहा है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत केंद्रीय सार्वजनिक उद्यम 15 अगस्त 2022 तक देश भर में 75 विभिन्न हस्तशिल्प परियोजनाएं शुरू कर रहे हैं। इनमें ओएनजीसी ने अग्रणी भूमिका निभाई है और 15 परियोजनाओं को सहयोग कर रही है। इससे पहले ओएनजीसी ने मध्य प्रदेश, असम, ओडिशा, झारखंड और उत्तराखंड में पांच हस्तशिल्प परियोजनाएं शुरू की हैं।