माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में ‘बौद्धिक संपदा अधिकार’ पर कार्यशाला का आयोजन, पेटेंट और कॉपीराइट पर चर्चा
भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में ‘हाऊ टू गेन फ्रूटफुल एंड आईपीआर इम्पावरमेंट’ विषय पर आयोजित कार्यशाला में कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि पेटेंट बहुत ही महत्वपूर्ण है और शोधार्थी और प्राध्यापकों को इस दिशा में पहल करनी चाहिए। यदि हमें विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनानी है तो हमें गुणवत्तापूर्ण शोध पर ध्यान देना होगा।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि पेटेंट उपयोगी हो, कमर्शियल हो और विश्वविद्यालय को भी इसका लाभ अवश्य मिले। इस अवसर पर कंप्यूटर एवं अनुप्रयोग विभाग के अध्यक्ष प्रो. सीपी अग्रवाल ने कहा कि जिसके अंदर रचनात्मकता है, जिज्ञासा है उसके लिये इस क्षेत्र में अनेक अवसर हैं। वहीं, आइपीआर रिसर्चर श्री तन्मय अग्रवाल ने आईपीआर की बारीकियों पर बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जो हम सोच सकते हैं, वह कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि एक पेंटिंग पर भी कॉपीराइट किया जा सकता है। वरिष्ठ शोधार्थी एवं संकाय डॉ. कमल उप्रेति ने कहा कि यदि आपके पास इनोवेशन है तो आप बहुत कुछ कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि पेटेंट का विधिवत परीक्षण होता है।
संचालन कर रहे प्रो. मनीष माहेश्वरी ने बौद्धिक संपदा और रचनात्मक उत्पादन पर कहा कि योग्य और प्रतिभावान लोगों की हर जगह जरुरत है। आभार प्रदर्शन सह-प्राध्यापक डॉ. सुनीता द्विवेदी ने किया। कार्यशाला में कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी, सभी विभागों के अध्यक्ष, शिक्षक एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।