नई दिल्ली। इंडिया हैबिटैट सेंटर के अमलतास सभागार में साक्षी संस्था की और से "कवि एक रंग अनेक "कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमे सुप्रसिद्ध कवि ग़ज़लकार लक्ष्मी शंकर वाजपेयी ने कविता की 11 विधाओं में रचना पाठ किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ साक्षी संस्था की अध्यक्ष डॉक्टर मृदुला टंडन के स्वागत भाषण और दीप प्रज्ज्वलन से हुआ जिसमे पद्म भूषण सुभाष कश्यप , पद्मश्री आलोक मेहता , डॉक्टर एच के कौल , विदेश मंत्रालय की सुनीति शर्मा , ममता किरण आदि शामिल हुए।
कवि का परिचय देते हुए कवयित्री अलका सिन्हा ने श्री वाजपेयी की अनेक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला जिनमे वेनेज़ुएला के विश्व कविता महोत्सव में भारत के एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में उनकी भागीदारी तथा लंदन में अंतर्राष्ट्रीय वातायन कविता सम्मान प्रमुख थीं। इस अवसर पर काव्यपाठ से पूर्व श्री वाजपेयी ने कहा कि जिस तरह संगीत में हमारी चिंता कुछ साज़ों और रागों को बचाने की है उसी तरह कविता की अनेक श्रेष्ठ विधाओं को विलुप्त होने से बचाने की होनी चाहिए । अनेक विधाओं में लेखन तो हो रहा है पर उनका समुचित मूल्यांकन नहीं हो रहा। तत्पश्चात श्री वाजपेयी ने गीत ,ग़ज़ल , दोहा ,छंदमुक्त कविता , हाइकू , माहिया , घनाक्षरी , सवैया ,मुक्तक ,पद , क्षणिका , नवगीत , कुंडली आदि अनेक विधाओं में कवितापाठ किया।
श्री वाजपेयी की कुछ ग़ज़लों का सुप्रसिद्ध ग़ज़ल गायक शकील अहमद ने गायन किया। इन ताज़ी रची हुई ग़ज़लों को श्रोताओं ने भरपूर सराहा और पसंद किया. शकील अहमद की गायकी ने ईस शाम में मौसिकी के खूबसूरत रंग भर दिए. पूरी तरह भरे इस सभागार में विख्यात थिसॉरस लेखक अरविन्द कुमार फिल्म निर्माता लवलीन थडानी ,लेखिका शीला झुनझुनवाला,चित्रकार संगीता गुप्ता, आकाशवाणी दिल्ली के निदेशक राजीव शुक्ल समेत अनेक प्रतिष्ठित विभूतियां उपस्थित थीं।
संपर्क
Shailesh Nevatia+91-9716549754