74 दवाओं की कीमतें कम हो गई
दवाओं की कीमतों के नियामक, NPPA ने डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के इलाज की दवाओं समेत 74 दवाओं का खुदरा मूल्य तय कर दिया है. राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने 21 फरवरी को हुई प्राधिकरण की 109वीं बैठक में लिए गए फैसले के आधार पर ‘औषधि (कीमत नियंत्रण) आदेश 2013’ के तहत दवाओं की कीमतें तय की हैं.
नोटिफिकेशन के अनुसार, NPPA ने डेपाग्लिफ्लोजिन सिटाग्लिप्टिन और मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड (एक्सटेंडेड-रिलीज़ टैबलेट) की एक टैबलेट की कीमत 27.75 रुपये तय की है. इसी तरह, ब्लड प्रेशर कम करने वाली दवा टेल्मिसर्टन और बिसोप्रोलोल फ्यूमरेट की एक टैबलेट की कीमत 10.92 रुपये तय की गई है.
NPPA ने मिर्गी और न्यूट्रोपेनिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा समेत 80 शेड्यूल्ड दवाओं (एनएलईएम 2022) के अधिकतम मूल्य को भी संशोधित किया है. सोडियम वैल्प्रोएट की एक गोली (200mg) की अधिकतम कीमत 3.20 रुपये तय की गई है. इसी तरह फिल्ग्रास्टिम इंजेक्शन (एक शीशी) की अधिकतम कीमत 1,034.51 रुपये तय की गई है. स्टेरॉयड ‘हाइड्रोकॉर्टिसोन (20 मिलीग्राम) की एक टैबलेट की कीमत 13.28 रुपये तय की गई है.
इससे पहले इसी साल जनवरी माह में एनपीपीए ने 128 एंटीबायोटिक एवं एंटीवायरल दवाओं (Medicine) की कीमतें संशोधित की थीं. इनमें एमॉक्सिसिलिन एवं क्लेवुलेनिक एसिड के एंटीबायोटिक इंजेक्शन, वैंकोमाइसिन, दमा के रोग में इस्तेमाल होने वाली सैल्बुटेमोल, कैंसर की दवा ट्रैस्टुजुमैब, दर्द निवारक दवा आइब्रुफेन एवं बुखार में दी जाने वाली पैरासिटेमॉल भी शामिल थीं.
क्या करता है NPPA
देश में नियंत्रित थोक दवाओं और फॉर्म्युलेशंस की कीमतों को फिक्स/संशोधित करने और अन्य दवाओं की कीमतों और उपलब्धता को लागू करने की जिम्मेदारी NPPA की है. यह डिकंट्रोल्ड दवाओं की कीमतों की निगरानी भी करता है ताकि उन्हें उचित स्तर पर रखा जा सके. नियामक औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश के प्रावधानों को लागू करता है. इसे नियंत्रित दवाओं के मामले में निर्माताओं द्वारा उपभोक्ताओं से अधिक वसूल की गई राशि की वसूली का कार्य भी सौंपा गया है. एनपीपीए को 1997 में गठित किया गया था.