नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने आज एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी के साथ मुलाकात की और ‘स्थानीय स्तर पर ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता’ या ‘ऊर्जा स्वराज’ के साथ-साथ वर्तमान जलवायु संकट से निपटने के समाधान के लिए उनके प्रयासों की सराहना की।”
प्रोफेसर सोलंकी ने 11 साल की लंबी ‘एनर्जी स्वराज यात्रा’ को लेकर सार्वजिनक गतिविधियों के लिए आईआईटी मुंबई से छुट्टी ली है। इस दौरान वह घुमेंगे और वह सौर ऊर्जा से चलने वाली इलेक्ट्रिक बस या सोलर बस में यात्रा करेंगे- यह यात्रा ‘वनवास’ नहीं बल्कि ‘सोलरवास’ होगी। यह वाहन सौर इकाइयों और छोटे प्रशिक्षण सुविधाओं से लैस होगा। प्रोफेसर सोलंकी सैकड़ों शहरों और कस्बों, विश्वविद्यालयों और स्कूलों और निगमों से होकर बस लेकर गुजरेंगे।
एनर्जी स्वराज फाउंडेशन को इस अभियान के माध्यम से भारत और विदेशों में विभिन्न शहरों में लाखों लोगों तक पहुंचने की उम्मीद है। यात्रा का उद्देश्य समाज में शत-प्रतिशत ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए अनुशासित तरीके से सौर ऊर्जा से संचालित सामानों को अपनाना है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने प्रोफेसर सोलंकी द्वारा जागरूकता को लेकर साहसिक 100 मिलियन से अधिक लोगों को प्रशिक्षण मुहैया कराने और ‘ऑफ-द-ग्रिड’ पावर समाधान पर 10 मिलियन से अधिक घरों तक पहुंच बनाने की पहल की सराहना की है। उन्होंने कहा कि इस नेक पहल से आम लोगों की समझ और व्यवहार में भारी बदलाव आएगा। यह भारत को 2030 के लिए निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा।