Saturday, November 23, 2024
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रेल्वे के काम रफ्तार पकड़ रहे हैंः श्री सुरेश प्रभु

रेल मंत्री श्री सरेश प्रभु की रेल आधुनिक होने और तेज रफ्तार से आगे बढ़ने को तैयार है। सीएनबीसी-आवाज़ के संपादक संजय पुगलिया से खास मुलाकात में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि सातवें वेतन आयोग और विस्तार पर खर्च के चलते पैसे की कमी जरूर है, लेकिन इन सभी दिक्कतों के बावजूद उनका जोर यात्री सुविधाओं के बढ़ाने पर है। खास मुलाकात में रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे में अटके प्रोजेक्ट रफ्तार पकड़ रहे हैं। फ्रेट कॉरिडोर के लिए 20,000 करोड़ रुपये के टेंडर जारी कर दिया गया है और सरकार गूगल के साथ भी करार कर रही है।

रेल मंत्री सुरेश प्रभु का कहना है कि 1 साल में बहुत कदम उठाएं हैं और 110 बिंदुओं पर काम शुरू किया है। रेलवे में सफाई पर खास जोर दिया है। खानपान में सुधार के लिए ई-केटरिंग सेवा शुरू की गई है। रेलवे में पारदर्शिता लाने और शिकायतें सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। रेल मंत्री के मुताबिक रेलवे पर अभूतपूर्व वित्तीय भार है, ऐसे में बजट संतुलन बनाने में दिक्कत हो रही है। रेलवे की आमदनी घटी है और खर्च बढ़ रहा है, फिर भी मालभाड़े में काफी कमी की गई है।

सुरेश प्रभु ने बताया कि फिजूल खर्च में कटौती की जा रही है और एनर्जी बिल में भी कमी की गई है। कैपिटल खर्च को लेकर चिंता नहीं है, लेकिन चालू खर्च को लेकर चिंता जरूर है। सुरेश प्रभु ने कहा कि दूसरे स्त्रोतों से भी आय जरूरी है, ऐसे में विज्ञापन से आय बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। रेल एसेट का मोनेटाइजेशन करेंगे और जमीन का कमर्शियल उपयोग जरूरी है। दूसरे स्त्रोतों से आय बढ़ेगी तो हालत सुधरेगी।

सुरेश प्रभु का कहना है कि रेलवे के काम जल्द शुरू नहीं होते हैं, लेकिन कामकाज में तेजी लाने की कोशिश की जा रही है। नवंबर तक 50,000-60,000 करोड़ रुपये का खर्च किया गया है। साथ ही नए टेंडर भी जल्द निकालेंगे और रेलवे ने 40,000 करोड़ रुपये का लोकोमोटिव ऑर्डर दिया है। फ्रेट कॉरिडोर के लिए 20,000 करोड़ रुपये के टेंडर जारी कर दिया गया है।

देश में बुलेट ट्रेन चलाने के सवाल पर सुरेश प्रभु ने कहा कि मौजूदा ढ़ांचे को सुधारेंगे। जापान के साथ सेफ्टी पर समझौता किया गया है और बुलेट ट्रेन से वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। रेल मंत्री का मानना है कि बुलेट ट्रेन कसौटी पर खरी उतरेगी और उन्होंने कहा कि बुलेट ट्रेन से नई टेक्नोलॉजी आएगी। दरअसल नई टेक्नोलॉजी लाना जरूरी है और जमीन के कम उपयोग पर जोर दिया जा रहा है।

गूगल के साथ रेलवे के करार पर सुरेश प्रभु ने कहा कि गूगल वाई-फाई के लिए निवेश करेगा और गूगल के साथ रेवेन्यू शेयर करेंगे। वहीं रेलवे की रीस्ट्रक्चरिंग पर सुरेश प्रभु ने कहा कि इसको एकाएक अंजाम नहीं दिया जा सकता है। कर्मचारियों को भरोसे में लिया जाएगा और इसके लिए रेलवे रेगुलेटर लाने के प्रयास जारी हैं।

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