एक प्रभावशाली पवार पाइंट प्रेजेंटेशन देना एक कला और कौशल है जिसे अभ्यास और थोड़ी सी तकनीकी जानकारी के दम पर आप निखार सकते हैं। अगर आप अपनी प्रस्तुति के विषय के अच्छे जानकर हैं,सम्बंधित विषय पर आपकी समझ स्पष्ट है तो तय मानिए कि आप अपने लक्ष्य में सफल होंगे।
एक कुशल प्रस्तोता बनने के लिए आपको विशेषज्ञ होने जरूरत नहीं है बल्कि विषय पर पकड़ के साथ उसकी सीमाओं और प्रस्तुतीकरण की समय सीमा को भी समझना जरूरी है।
अगर आप भाषा की विशेष दक्षता रखते हैं,प्रभावी व्यक्तित्व के भी धनी हैं तो लेखक का मानना है कि आपके प्रेज़ेंटेशन में चार चाँद लग सकते हैं।
अगर आप प्रेजेंटेशन देने में असहज या भारी महसूस करते हैं तो आपको समय देना होगा कि आप सीखने की अदम्य इच्छा के साथ अच्छे और सधे हुए प्रेज़ेंटेशन देखने के लिए तैयार हो जाएँ। एक शानदार प्रेजेंटेशन बनाने के लिए कदम-दर-कदम सीखने के साथ-साथ आगे बढ़ें। अपनी प्रस्तुति के टारगेट समूह को पहचानें।
सबसे पहले विषय वस्तु का निर्धारण करें। आपको पहले प्रेजेंटेशन के लिए कंटेंट को सर्वोपरि रखना होगा। सावधान रहना होगा कि आकर्षण के नाम पर एनीमेशन या गैर ज़रूरी चीज़ों को दिखाने के लोभ में आप भटक भी सकते हैं। समय की बर्बादी भी हो सकती है।
जब आप बिंदुवार प्रेजेंटेशन के लिए कंटेंट लिखना शुरू करते हैं तब अपने दर्शकों की जगह खुद को रखकर यह तय करें कि अंत में उन्हें क्या महसूस करना चाहिए और उन तक क्या सन्देश पहुंचना चाहिए। कंटेंट लिखने का अभ्यास भी लगातार करना चाहिए। इस तरह पहला कदम हुआ कि आप बताएं कि आप अपने प्रेज़ेंटेशन में क्या कहना चाहते हैं। उसे विभिन्न चरणों में बाँट दें। बाद में प्रस्तुति का उद्देश्य सीमित शब्दों में बताएं। लक्ष्य निर्धारित करें। दिशाहीनता से अंत तक बचें। जैसे आप किसी विषय पर शोध करना चाहते हैं तो शोध क्यों जैसे सवाल का ज़वाब उसमें स्पष्ट रूप से शामिल होना चाहिए। बेहतर होगा कि प्रेजेंटेशन के लिए कागज के एक टुकड़े पर लक्ष्य लिखें या अपनी पसंद का नोट लेने वाला कोई ऐप इस्तेमाल करें। संपूर्ण कंटेंट सामने रखें ताकि अंत तक आपकी प्रस्तुति पटरी पर रहे।
अगला कदम है कि आप अपने दर्शकों को पहचानें। साफ़-साफ़ जान लें कि आप किससे बात करेंगे, किसे अपनी प्रस्तुति दिखाएँगे। वे आपसे क्या चाहते हैं। क्या वे आपके विषय से अवगत हैं। सार यह है कि प्रेज़ेंटेशन देखने वालों को भलीभांति परिभाषित कर लें। आपसे उनकी अपेक्षाओं को अच्छी तरह से समझ लें। यह भी पता रहे कि प्रेज़ेंटेशन के दौरान वे कैसे सवाल कर सकते हैं। इससे आप उन तक सही ढंग से एप्रोच कर सकेंगे। कुछ रोचक और दुर्लभ जानकारी भी आप अपने मस्तिष्क में रख सकें तो बेहतर है। ज़रुरत होने पर वह जानकारी आपके प्रेज़ेंटेशन को रोचक बना सकती है।
प्रेज़ेंटेशन में प्रमुख विचारों को बुलेट्स के माध्यम से उभार सकते हैं। सहायक बिंदुओं को दूसरे स्तर पर हाइलाइट किया जा सकता है। अब एक स्तर विषय की गहराई में जाने का आरम्भ होगा। यहां कुछ विस्तारपूर्वक विषय को समझाना होगा। कंटेंट को आपस में जोड़ना होगा। प्रेज़ेंटेशन के रोडमैप पर लगातार ध्यान देना होगा। प्रत्येक स्लाइड के लिए संक्षिप्त टिप्स का प्रयोग कर सकते हैं। अधिक या अनावश्यक व्याख्या न करें। स्लाइड को स्वयं बोलने दें। श्रोताओं के धयानाकर्षण के लिए पठनीयता और उचित फ़ॉन्ट का भी प्रयोग करें।
लेआउट, ग्राफिक्स, इमेजेज और एनीमेशन का सही व संतुलित संयोजन करें। प्रभावी प्रेजेंटेशन के लिए, सबसे अच्छा स्लाइड लेआउट चुनें, जो आपकी प्रत्येक स्लाइड के कंटेंट के साथ-साथ प्रेजेंटेशन के समग्र प्रवाह को बनाये रखे। अगर आप पावर पाइंट पर काम करने की तकनीकी जानकारी के साथ इन बातों पर ध्यान देंगे तो निश्चय ही आपका प्रेज़ेंटेशन प्रभावशाली होगा। आगे यह भी याद रहे कि यदि आप मौलिक प्रतिभा के धनी हैं तो कहने की ज़रुरत ही नहीं कि आपके प्रेज़ेंटेशन की बात कुछ और होगी।
डॉ. चन्द्रकुमार जैन
प्राध्यापक एवं शोध निर्देशक
हिंदी विभाग
शासकीय दिग्विजय स्वशासी स्नातकोत्तर
महाविद्यालय, राजनांदगांव ( छत्तीसगढ़ )
मो. 9301054300