महाराष्ट्र के पुणे में मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने संघ के वरिष्ठ प्रचारक मदन दास देवी को श्रद्धांजलि दी।आरएसएस के संयुक्त महासचिव रहे मदन दास देवी देवी के पार्थिव शरीर को पुणे शहर में आरएसएस के मोतीबाग कार्यालय में ‘दर्शन’ के लिए रखा गया है।
छात्रशक्ति को राष्ट्रशक्ति में परिवर्तित करने वाले कुशल संगठट, प्रचारक माननीय मदनदास जी देवी को पुणे में भावभीनी श्रध्दांजलि अर्पित की गई।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व में सह-सरकार्यवाह रहे एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के पूर्व राष्ट्रीय संगठन मंत्री माननीय मदनदास देवी जी के परलोकगमन का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है। उनके निधन से अभाविप कार्यकर्ताओं ने अभिभावक तुल्य छत्र खोया है।
मा. मदनजी का जन्म अभाविप के स्थापना दिन अर्थात 9 जुलाई के दिन को साल 1942 होना मानो एक ईश्वरीय संकेत ही था।
मा. मदनदासजी मूलत: महाराष्ट्र के करमाळा गांव, जिला सोलापूर के थे। शालेय शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा हेतु आप पुणे के प्रसिद्ध BMCC कॉलेज में 1959 में प्रवेश लिया। M.Com के बाद ILS Law कॉलेज से गोल्ड मेडल के साथ LLB किया। बाद में CA किया। पुणे में पढ़ाई के दौरान वरिष्ठ बंधू श्री खुशालदास देवी की प्रेरणा से संघ से संपर्क आया।
1964 से मुंबई में आप ने अभाविप कार्य प्रारंभ किया। 1966 में अभाविप मुंबई के मंत्री हुए।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कर्णावती राष्ट्रीय अधिवेशन( सन् 1968 ई.) में माननीय मदनदास जी की पूर्णकालिक कार्यकर्ता व पश्चिमांचल क्षेत्रीय संगठन मंत्री के दायित्व की घोषणा हुई।तथा 1970 के तिरुअनंथपुरम अधिवेशन में राष्ट्रीय संगठन मंत्री का गुरूतर दायित्व आपने संभाला।
1970 से 1992 तक लगातार 22 वर्ष अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री के नाते पूर्ण देशभर में तालुका- महाविद्यालय- शहर स्तर पर संस्कारित कार्यकर्ता समूह खड़ा हो इसपर आप ने विशेष ध्यान दिया। नींव के पत्थर के भांति कार्य करते हुए अभाविप को, नाम के अनुरूप अखिल भारतीय स्तर पर ले गए। देशभर में अनेक समर्पित कार्यकर्ता खड़े करने में आप की महती भूमिका रही।
1992 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख तथा 1993 में संघ के सह – सरकार्यवाह दायित्व का भी आपने निर्वहन किया।