साहित्य लेखन और संवर्धन गतिविधियों के नाम रहा कोटा में बीता साल। यूं तो पूरे हाड़ोती में ये गतिविधियां रही परंतु कोटा में तो पूरे साल ही कतिपय अंतराल पर साहित्यिक गति विधियां साहित्यकारों और विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं द्वारा की जाती रही।
कविता, गीत, गज़ल, छंद, दोहे, आदि पद्य सृजन के साथ-साथ कहानी, लघु कथा, नाटक, उपन्यास आदि गद्य विधाएं भी साहित्यकारों ने खूब लिखी। बाल साहित्य का सृजन भी खूब हुआ। हिंदी भाषा के साथ साथ राजस्थानी और हाड़ोती भाषा में साहित्य लिखा जा कर इनके संवर्धन का बेहतरीन काम हुआ। सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया और इलेट्रोनिक मीडिया स्वयं इसके साक्षी हैं।
साहित्यकारों की सभी साहित्यिक और अन्य विधाओं पर पुस्तकें भी खूब प्रकाशित हुई। देश भर में विभिन्न स्थानों पर कृतियों के लोकार्पण कार्यक्रम भी चर्चा में रहे। कोटा की साहित्यिक संस्थाओं ने भी बढ़ चढ़ कर कार्यक्रम किए। कवि सम्मेलन और काव्य गोष्ठियां भी भरपूर हुई।
बीते साल में कोटा के अनेक लेखकों और साहित्यकारों को स्थानीय स्तर के साथ-साथ राष्ट्रीय और राज्य स्तर के पुरस्कार और सम्मान प्राप्त करने का गौरव तो प्राप्त हुआ ही, उन्होंने हाड़ोती और राजस्थान का नाम देश में रोशन कर सम्मान दिलाया। किस किस का नाम लें सभी साहित्यकार पूर्ण सक्रिय रहे। सभी का अपना-अपना योगदान रहा। इनके साथ-साथ कला, संस्कृति, पुरातत्व, इतिहास, विज्ञान कथा जैसे साहित्यक और सांस्कृतिक विषयों पर भी भरपूर लेखन हुआ।
साहित्य के क्षेत्र में पुस्तक प्रदर्शनियों का आयोजन भी महत्वपूर्ण पक्ष रहा। राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय द्वारा समय-समय पर विभिन्न प्रकार की पुस्तक प्रदर्शनियां और लेखक से मिलिए कार्यक्रमों का आयोजन किया। कोटा के ही नहीं हाड़ोती के साहित्यकारों के साथ – साथ सांस्कृतिक और विभिन्न क्षेत्र की प्रतिभाओं पर उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर लेखन और प्रकाशन का महत्वपूर्ण कार्य भी शायद प्रथम बार व्यापक स्तर पर बीते साल में हुआ।
हाड़ोती के करीब 70 साहित्यकारों के कार्यों की मीडिया के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर तक पहचान बनी। इस कार्य की चर्चा वर्ष भर न केवल हाड़ोती में वरन राजस्थान में बनी रही। इससे साहित्य जगत में नई ऊर्जा और जोश का संचार हुआ और नूतन साहित्य सृजन को नए पंख लगे। मुख्य बात इससे नवोदित कलमकारों को भी प्रोत्साहन मिला। साहित्यकारों के व्यक्तित्व और कृतित्व पर शीघ्र आने वाली पुस्तक भी बीते साल के प्रयासों का ही प्रतिफल होगा।
उम्मीद कर सकते हैं की साहित्यिक दृष्टि से नया साल 2024 बीते साल से दो कदम आगे ही रहेगा। हाड़ोती के समस्त साहित्यकारों को नूतन वर्ष मंगलमय हो इसी कामना के साथ आगे बढ़े, खूब लिखें, नई-नई कृतियां सामने आए और हम सब हाड़ोती का मान बढ़ाए।