नमक सत्याग्रह स्मारक
नमक सत्याग्रह स्मारक – फोटो : अमर उजाला
गुजरात के ऐतिहासिक गांव दांडी में 110 करोड़ रुपये की लागत में ‘नमक सत्याग्रह स्मारक’ तैयार किया गया है। ये स्मारक 15 एकड़ भूमि पर बनाया गया है। यहां 41 सोलर ट्री लगाए गए हैं, जिससे 144 किलोवाट बिजली बनेगी। इस बिजली से स्मारक में बिजली की जरूरत पूरी की जाएगी।
बापू की 18 फीट ऊंची प्रतिमा
नमक स्तयाग्रह समारक में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 18 फीट ऊंची प्रतिमा बनाई गई है। इसके अलावा यहां खारे पानी के कृत्रिम तालाब भी बनाए गए हैं। इसका उद्धाटन बापू की 150वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। जनता इसे 30 जनवरी से देख पाएगी। ये स्मारक देश दुनिया में आकर्षण का केंद्र बनेगा। यहां बापू के दांडी मार्च को दर्शाया गया है।
रात को लेजर से चमकेगा क्रिस्टल
स्मारक में 80 पदयात्रियों की प्रतिमा बनाई गई है। यहां नमक बनाने के लिए सोलर मेकिंग बिल्डिंग वाले 14 जार भी रखे गए हैं। इसके अलावा सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र क्रिस्टल होगा। जो रात के समय लेजर से चमकेगा। इसके साथ ही यहां 24 स्मृतिपथ भी बनाए गए हैं। जो दिखने में बेहद खूबसूरत हैं।
नमक बनाने की प्रक्रिया देख सकेंगे लोग
यहां आने वाले लोग नमक बनाने की प्रक्रिया देख सकेंगे। इस प्रक्रिया में पर्यटक पैन में खारा पानी डालेंगे। जिसके बाद पैन में लगी हुई मशीन पानी का वाष्पीकरण करेगी। फिर पैन में नमक रह जाएगा।
क्या है दांडी मार्च?
अंग्रेजों ने नमक उत्पादन और उसके विक्रय पर भारी मात्रा में कर लगा दिया था। जिससे उसकी कीमत कई गुना तक बढ़ गई थी। अंग्रेजी शासन के दौरान भारत की अधिकतर गरीब जनसंख्या के खाने का नमक ही एक सहारा बचा था। उसपर भी अधिक कर होने से वे उसे खरीद पाने में असमर्थ थे।
गांधी जी ने नमक कानून के खिलाफ 1930 में 12 मार्च से 6 अप्रैल तक साबरमती से दांडी तक पदयात्रा निकाली थी। जिसे दांडी मार्च कहा जाता है। इसमें बड़ी संख्या में लोगों ने बापू का साथ दिया था। इस ऐतिहासिक मार्च को जीवंत करने के उद्देश्य से ये स्मारक बनाया गया है। यहां प्रतिमाओं के अलावा एक म्यूजियम और गेस्ट हाउस भी है, जहां लोग ठहर सकते हैं।
साभार – अमर उजाला से