तहलका के एडिटर तरुण तेजपाल और उन पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली सहकर्मी के बीच ईमेल जंग अचानक तेज हो गई, क्योंकि दोनों के बीच हुई बातचीत का एक टुकड़ा लीक हो गया है।
19 नवंबर को तेजपाल ने युवती को मेल लिखा था, जिसका जवाब 20 नवंबर को भेजा गया। बुधवार को तेजपाल का पहला मेल लीक हो गया, जिसके बाद युवती ने उनकी सफाई का कड़ाई से विरोध किया। ईमेल के जरिए हुई गोपनीय बातचीत के अंशः
तेजपाल का ईमेल युवती को (19 नवंबर)
सफाईः मुझे माफ कर दो, जो मेरे गलत फैसले के कारण तुम्हें इतना तनाव झेलना पड़ा। लेकिन मैं तुम्हें यकीन दिलाना चाहता हूं कि यह मेरे लिए भी हर तरह से उतना भी दर्दनाक था…मुझे यह जानना ही होगा कि इतनी बड़ी गलती कैसे हो गई।
तहलका और महिला संवाददाताओं परः मैंने हर मंच पर तहलका की महिला संवाददाताओं और संपादकों के काम को सराहा है और व्यक्तिगत रूप से मैं हमेशा उनसे दूर ही रहा हूं।
उस शाम परः जैसा कि तुम्हें याद होगा, उस शाम हमारी बातचीत का संदर्भ कुछ अलग था। हम सेक्स की इच्छा और पार्टनर से धोखे को लेकर हंसी मजाक में बात कर रहे थे। इसी अच्छे मूड के बीच वो घटना हुई थी। मुझे जरा अंदाजा नहीं था कि तुम अपसेट हो और न ही ऐसा लगा कि वो तुम्हारी मर्जी के खिलाफ हुआ। अगली रात जब तुमने आकर मुझे बोला, तब मुझे इस बात का अहसास हुआ। मैं दो वजहों से सदमे में था। पहला, इसलिए क्योंकि तुम्हें लगा कि मैंने जोर-जबर्दस्ती की और दूसरा इसलिए कि मैंने काफी गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार दिखाया।
माफीः तुमने साफ कर दिया कि मैंने स्थिति को सही तरह से नहीं समझा और मैं इस पर सवाल भी नहीं करूंगा। मैं तुम्हारे दुख और गुस्से को भी कम करके नहीं आंक रहा। यह मेरी जिंदगी का सबसे बुरा पल था। सब कुछ गलत हो गया। लोगों से लेकर सिद्धांतों तक, जो मुझे सबसे ज्यादा प्रिय हैं, मैंने उन्हीं को चोट पहुंचाई। मैं तुमसे माफी मांगता हूं और इसे भूलने का आग्रह करता हूं। अगर तुम चाहूं, तो मैं तुम्हारी मां से मिलकर उनसे भी माफी मांगूंगा। मैं चाहता हूं कि तुम तहलका में काम करना जारी रखो और शोमा को रिपोर्ट करो, जैसा कि करती आई हो। मेरी सजा मैं भुगत रहा है और अंतिम पल तक भुगतता रहूंगा।
युवती का जवाबी ईमेल (20 नवंबर)
उस शाम परः उस रात होने वाली बातचीत का संदर्भ न अलग था और न फ्लर्ट के लहजे में था। आप सेक्स और इच्छाओं की बात कर रहे थे, जो आप मेरे साथ आम तौर पर हमेशा करते थे। दुर्भाग्य से आपने मेरे काम के बारे में कभी बात नहीं की, क्योंकि अगर आपको मेरे लेखन कार्य का अंदाजा होता, यह अहसास होना आसान रहता कि आप मुझे इस तरह यौन रूप से प्रताड़ित नहीं कर सकते और अगर ऐसा हुआ, तो मैं चुप्पी साधे गायब नहीं हो जाऊंगी। मैं आपसे रेप सर्वाइवर की स्टोरी पर बात करना चाहती थी। आपने मुझे ऑफिस में बुलाया, जहां लाइट बंद थी और आप सोफे पर लेटे थे। मैंने आपसे पूछा भी था कि क्या मैं लाइट जलाऊं, तो आपने मना कर दिया। मैं उसी कमरे में आपके साथ कुर्सी पर बैठी और आपको वो स्टोरी बताई।
इसमें राजी न होने का सवाल ही नहीं उठता। जैसे ही आपने मुझ पर हाथ रखा, मैंने आपसे रुकने की गुहार लगाई थी। मैं हर उस शख्स और सिद्धांत का जिक्र किया, जो हमारे लिए अहम थे। आपकी बेटी, आपकी पत्नी, शोमा, मेरे पिता, सभी। मैंने यह तक बताया कि आप मेरे बॉस हैं और आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। लेकिन आप नहीं माने। वास्तव में उसी रात आप और आगे बढ़े, मुझे प्रताड़ित करने की कोशिश की। तहलका की एडिट मीटिंग में हमने कई बार इस मुद्दे पर बात की कि ऐसा क्या है, जो इंसान को शैतान में तब्दील कर देता है। आपने कई बार खुद इस पर कई स्टोर करवाईं। यही होता है दानव होना। जवाब में ना सुनने के लिए तैयार न होना।
तेजपाल की बेटी को बताने परः यह बात आपकी बेटी को बताने को लेकर न केवल आप मुझ पर चिल्लाए, बल्कि अगली सुबह टेक्स्ट मैसेज करके यहां तक कहा कि मुझे यकीन नहीं, तुमने इतनी छोटी सी बात उसे कैसे बताई। आपने कहा था कि यह पिता-पुत्री के रिश्ते को न समझने की वजह से है।
निराशाः तरुण, मुझे यकीन नहीं आता कि आपने अपनी बेटी की उम्र की लड़की के साथ ऐसा किया, जो आपकी बेटी की दोस्त भी है। और इसे आप छोटी सी बात कहते हैं। तहलका जिस चीज के लिए खड़ा होता रहा है, उसे लेकर यह कैसी नासमझी है?
माफी परः दुर्भाग्य से उससे माफी मांगने की आपकी इच्छा भी यही दिखाती है कि आप ऐसा मानते हैं कि पुरुषों को महिलाओं के शरीर पर सारे अधिकार हैं। वो लोग जिनसे आपको माफी मांगनी चाहिए, वे तहलका के कर्मचारी हैं, क्योंकि आपने उनका और मेरा भरोसा तोड़ा है। आगे मुझसे व्यक्तिगत रूप से बातचीत की कोशिश मत कीजिएगा। जब आपने मेरा भरोसा तोड़ा और मेरे शरीर के साथ खिलवाड़ किया, तो यह अधिकार खो दिया।
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