इस वर्ष का प्रतिष्ठित ‘राजेन्द्र यादव हंस कथा सम्मान’ सीहोर के कहानीकार पंकज सुबीर को प्रदान किए जाने की घोषणा की गई है। मुंशी प्रेमचंद की स्थापित साहित्यिक पत्रिका ‘हंस’ की ओर से यह सम्मान प्रतिवर्ष पत्रिका के पूर्व संपादक और हिन्दी साहित्य के शलाका पुरुष राजेन्द्र यादव की स्मृति में प्रदान किया जाता है। यह सम्मान हंस में प्रकाशित किसी कहानी पर प्रदान किया जाता है।
वर्ष 2013 में किरण सिंह, वर्ष 2014 में आकांक्षा पारे और टेकचंद और 2015 में यह प्रकृति करगेती को प्रदान किया गया था। इस वर्ष यह सम्मान पंकज सुबीर को उनकी कहानी ‘चौपड़े की चुड़ैलें’ के लिए प्रदान किया जा रहा है। मोबाइल के माध्यम से अश्लील बातें करके युवाओं को भ्रमित करने की समस्या पर लिखी गई इस कहानी को हंस के अप्रैल अंक में प्रकाशित किया गया था।
कहानी को पाठकों द्वारा बहुत पसंद किया गया था। जारी सूचना के अनुसार इस वर्ष का सम्मान पंकज सुबीर और योगिता यादव को संयुक्त रूप से प्रदान किया जा रहा है। हर वर्ष यह सम्मान स्व. राजेन्द्र यादव की जयंती 28 अगस्त को प्रदान किया जाता है। इस वर्ष भी यह सम्मान 28 अगस्त को नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित समारोह में पंकज सुबीर और योगिता यादव को प्रदान किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पंकज सुबीर को इससे पूर्व भारतीय ज्ञानपीठ युवा पुरस्कार, इंदु शर्मा कथा सम्मान, वागीश्वरी सम्मान, वनमाली सम्मान, पाखी सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।