लंदन। आयरलैंड, अर्जेन्टीना और ब्रिटेन में फैंटा में छह चम्मच शुगर मिली होती है। इतनी शुगर एक वयस्क व्यक्ित पूरे दिन में ले सकता है। मगर, एक कैंन फैंटा पीते ही पूरे दिन की शुगर का कोटा पूरा हो जाता है। वहीं, भारत में फैंटा में करीब दोगुनी मात्रा में 11 चम्मच शुगर मिली होती है। सोचिए इतनी शुगर की मात्रा का आपकी सेहत पर कितना प्रतिकूल असर होगा।
यानी आपके पसंदीदा कोल्डड्रिंक में शुगर की मात्रा पूरी दुनिया में बिकने वाले उसी ब्रांड में अलग-अलग होती है। कई देशों में तो एक ही ब्रांड के कोल्डड्रिंग में दोगुनी शुगर की मात्रा तक का अंतर मिला है। लोकप्रिय ब्रांड के ड्रिंक्स पर यह शोध ब्रिटेन के कैंपेन ग्रुप एक्शन ऑन शुगर ने किया है।
इस कैंपेन ग्रुप की मांग है कि बड़े ब्रांड्स को ज्यादा शुगर की मात्रा को घटाने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। थाईलैंड में स्प्राइट की 330 एमएल की कैन में सबसे ज्याद शुगर 12 चम्मच मिली हुई पाई गई। वहीं, नीदरलैंड्स और फ्रांस में इसमें पांच चम्मच शुगर मिली हुई थी। अमेरिका में बिकने वाले श्वेपर्स टॉनिक वॉटर में 11 चम्मच शुगर मिली थी, जबकि लंदन में इसी ब्रांड में महज चार चम्मच शुगर मिली हुई थी।
खतरनाक स्तर पर मिली है शुगर
कनाडा में कोका कोला में 10 चम्मच और थाईलैंड में 8 चम्मच शुगर पाई गई। कैंपेन ग्रुप ने 274 शुगर स्वीटेन सॉफ्ट ड्रिंक का परीक्षण किया और पाया कि हर प्रोडक्ट में लाल रंग का कोडेड लेबल होना चाहिए, जो यह बताए कि इसमें खतरनाक स्तर पर शुगर है। इस डाटा को जमा करने वाले हेल्थ कैंपेनर्स ने चेतावनी दी कि वयस्क और बच्चे काफी अधिक मात्रा में इस छिपी हुई शुगर का सेवन कर रहे हैं, जो मोटापे और खराब स्वास्थ्य को बढ़ावा दे रही है।
2.16 अरब लोग होंगे मोटापे का शिकार
वर्ष 2030 तक दुनियाभर में करीब 2.16 अरब लोग मोटापे के शिकार होंगे और इनमें से 1.12 अरब लोगों को मोटापे की श्रेणी में रखा जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सिफारिश की है कि लोगों को अपने शुगर लेने की आदत पर नियंत्रण करना चाहिए और उन्हें दिन में अधिकतम 25 ग्राम शुगर (करीब छह चम्मच) ही लेनी चाहिए। यदि लोग अपने कुल एनर्जी इनटेक में से शुगर की मात्रा को पांच फीसद से कम कर सकें, तो ज्याद बेहतर होगा।