Saturday, December 21, 2024
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सैर लंदन की  

बचपन से कहना तो बेमानी होगा लेकिन जबसे सक्रिय पत्रकारिता के क्रम में देश-विदेश भ्रमण का सिलसिला शुरू हुआ और खासतौर से रूस, अमेरिका और चीन की यात्रा कर लेने के बाद से ही विश्व की पांच महाशक्तियों में शुमार युनाइटेड किंगडम के इंग्लैंड और इसके राजधानी शहर लंदन आने की इच्छा हिलोरें मार रही थीं। लंदन आने और हमारे भारत पर दो सदियों (तकरीबन 190 साल) तक राज करनेवाले अंग्रेजों के साम्राज्य और राजधानी शहर में घूमने और इसके इतिहास, भूगोल, संस्कृति और समाज को देखने समझने की ललक भी थी। मन में हूक तो फ्रांस की राजधानी पेरिस और वहां विश्व प्रसिद्ध एफिल टॉवर को भी देखने की उठती रहती है। देखें मन की यह मुराद कब पूरी होती है।

लंदन यूनाइटेड किंगडम और इंग्लैंड की राजधानी और सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। यूनाइटेड किंगडम में इंगलैंड के अलावा वेल्स, स्काटलैंड और उत्तरी आयरलैंड शामिल हैं। इंग्लैंड के इतिहास में सबसे स्वर्णिम काल उसका औपनिवेशिक युग है। अठारहवीं सदी से लेकर बीसवीं सदी के मध्य तक ब्रिटिश साम्राज्य विश्व का सबसे बड़ा और शक्तिशाली साम्राज्य हुआ करता था जो कई महाद्वीपों में फैला हुआ था और कहा जाता था कि ब्रिटिश साम्राज्य में सूर्य कभी अस्त नहीं होता।

ग्रेट ब्रिटेन द्वीप के दक्षिण पूर्व में थेम्स नदी के किनारे स्थित, लंदन राजनीति, शिक्षा, मनोरंजन, मीडिया, फ़ैशन और शिल्प के क्षेत्र में वैश्विक शहर के रूप में जाना जाता है। सदियों पहले इसे रोमनों ने लोंडिनियम के नाम से बसाया था। लंदन में तमाम देशों के तमाम धर्म-संप्रदायों के लोगों और संस्कृतियों की विविधता है। यहां 300 से अधिक भाषाएं बोली जाती हैं लेकिन आम (कॉमन) भाषा अंग्रेज़ी है। 1831 से 1925 तक लंदन विश्व के सबसे अधिक आबादी वाला शहर था। आज लंदन की आबादी तकरीबन एक करोड़ है। यहां चार विश्व धरोहर स्थल हैं: टॉवर ऑफ़ लंदन; बकिंघम पैलेस, वेस्ट्मिंस्टर पैलेस, वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी और सेंट मार्गरेट्स चर्च क्षेत्र; और ग्रीनविच वेधशाला (जिसमें रॉयल वेधशाला, ग्रीनविच प्राइम मेरिडियन, जीरो डिग्री रेखांकित और जीएमटी चिह्नित होती है)।

अन्य प्रसिद्ध स्थलों में बकिंघम पैलेस, लंदन आई, पिकैडिली सर्कस, सेंट पॉल कैथेड्रल, टावर ब्रिज, ट्राफलगर स्क्वायर, और द शर्ड आदि शामिल हैं। लंदन में ब्रिटिश संग्रहालय, नेशनल गैलरी, प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय, टेट मॉडर्न, ब्रिटिश पुस्तकालय और वेस्ट एंड थिएटर सहित कई संग्रहालयों, दीर्घाओं, पुस्तकालयों, खेल आयोजनों और अन्य सांस्कृतिक संस्थानों का घर है।

गीता जी और सुमेधा के साथ लंदन यात्रा का संयोग इस जून महीने की 11 तारीख को बड़े सुपुत्र प्रतीक के सौजन्य से संभव हो सका। वह यहां सेंसबरी में स्टाफ इंजीनियर के रूप में कार्यरत हैं। हम विस्तारा की उड़ान से स्थानीय (लंदन) समय के अनुसार शाम के 8.30 बजे लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर पहुंचे। इमिग्रेशन के लिए लंबी कतारों को पार करने में तकरीबन डेढ़ घंटे का समय लग गया। हालांकि इमिग्रेशन प्रक्रिया बहुत सुमता से दो मिनट में ही संपन्न हो गई।

 जहां से लगेज लेना था, प्रतीक हमारा पहले से ही इंतजार कर रहे थे। हवाई अड्डे पर ही भूमिगत स्टेशन पर अत्याधुनिक एलिजाबेथ ट्यूब (मेट्रो) रेल पर सवार होकर हम लोग प्रतीक के निवास के करीब शैडवेल स्टेशन पर उतरे। बीच में ह्वाइट चैपल पर बदलकर दूसरी ट्यूब रेल लेनी पड़ी। स्टशन से बाहर निकलते ही हमारा स्वागत तेज रफ्तार नम हवाओं ने किया। बचाव के लिए जैकेट और मफलर का सहारा लेना पड़ा। शैडवेल से पांच-सात मिनट पैदल चलकर हम प्रतीक के निवास पर पहुंच गए।
लंदन में दुनिया का सबसे पुराना भूमिगत रेलवे नेटवर्क है। यहां सबसे पुराना ट्यूब रेल स्टेशन बेकर स्ट्रीट है जहां 10 जनवरी 1863 को पहली भूमिगत मेट्रो (अब ट्यूब) रेल का परिचालन शुरू हुआ था। यहां कुछ स्टेशनों पर जमीन के सात मंजिल नीचे भी ट्यूब रेल के प्लेट फार्म हैं।
साभार- https://www.facebook.com/jaishankargupt से

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