सुप्रीम कोर्ट के आदेश को रौंद दिया जा रहा है, यह कहते हुए आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा कि मुंबई में शेल्टर होम अभी भी कागज पर है। गलगली कामाठीपुरा में विश्व बेघर दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
पहचान संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अनिल गलगली, राज्य स्तरीय आश्रय निगरानी समिति के सदस्य बृजेश आर्य, मनपा अधिकारी अनिल पवार, लीना पाटिल, सुभाष रोकड़े, अंजलि खरवा उपस्थित थे। अनिल गलगली ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, प्रत्येक 1 लाख की आबादी के लिए 1 शेल्टर होम बनाना आवश्यक था, जबकि आज केवल 7 ही कार्यरत कर रहे हैं। यदि कोई शेल्टर है, तो किसी को भी सड़क और फुटपाथ पर रहने की जरूरत नहीं है।
बृजेश आर्य ने कहा कि संगठन सभी के लिए लड़ रहा है और राज्य स्तर की समिति बेघरों को अधिकार दिलाने की कोशिश कर रही है। अनिल पवार ने मनपा द्वारा शुरू की गई हेल्पलाइन और अन्य योजनाओं के बारे में जानकारी दी।