राजनांदगांव। लॉक डाउन के माहौल में प्राध्यापक डॉ.चन्द्रकुमार जैन द्वारा यूट्यूब चैनल बूँद भर नर्म उजाला के जरिए दिया जा रहा मार्गदर्शन अब नए आयामों की तरफ अग्रसर है। हाल ही में डॉ. जैन ने हिंदी साहित्य पर 1000 प्रश्नोत्तर की महत्वाकांक्षी श्रृंखला शुरू की है। आरंभिक कड़ी में साहित्य इतिहास के आदिकाल को अपनी सधी हुई आवाज़ में हल्के पार्श्व संगीत के साथ जिस तरह सरस अंदाज़ में डॉ. जैन प्रस्तुत कर रहे हैं उससे विद्यार्थी रोमांचित हैं। आन लाइन क्लास, शोधार्थियों के लिए पडकास्ट के अलावा बहुआयामी विषयों पर वीडियो के बाद यह वस्तुनिष्ठ विमर्श दरअसल समय की बड़ी जरूरत है। अब वे संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में हिंदी साहित्य ऐच्छिक विषय चुनने वाले अभ्यर्थियों के लिए विमर्श सिरीज़ शुरू करने जा रहे हैं। इसकी पहली कड़ी शीघ्र सामने होगी।
हिंदी भाषा और साहित्य विषय का चयन कर नेट, सेट, सहायक प्राध्यापक, पीएससी, यूपीएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल हो रहे अभ्यर्थियों के लिए उनकी प्रस्तुति मील का पत्थर है। आगामी महीनों में कई परीक्षाएं प्रस्तावित हैं। एक तरफ कोरोना वायरस को लेकर सावधानी पर रचनात्मक सन्देश तो दूसरी ओर भविष्य की तैयारी कर रही पीढ़ी को कुछ अपनी तरफ से देने की इस पहल को डॉ. जैन उच्च शिक्षा की शासकीय सेवा के साथ-साथ एक ज़रूरी जिम्मेदारी भी मानते हैं। और ऐसा करके खुशी व संतोष का अनुभव करते हैं।
गौतलब है कि डॉ. जैन ने परीक्षाओं के उम्मीदवारों को प्रोत्साहित करने का बीड़ा उठाया है । डॉ. जैन के विषय चयन की अहमियत यह है कि उसमें पाठ्यक्रम के साथ-साथ सामान्य ज्ञान और मोटिवेशन को भी शामिल किया गया है जिससे परीक्षा की तैयारी दबाव में नहीं, स्वभाव में रहकर की जा सके। घर पर रहकर क्लास रूम का पूरा लुत्फ़ देने वाले डॉ. जैन के वीडियो शब्दों को वहन करने वाली आवाज़ के अलावा उनके अर्थ को स्पष्ट करने वाले चित्रों से कुछ तरह घुले मिले हैं कि श्रोताओं को सीधे अपील करते हैं। गौरतलब है कि लॉकडाउन के मौजूदा महीने में ही उनके व्यूवर्स की संख्या एक लाख के पार चली गयी है।
यह संयोग मात्र नहीं है कि अपने यूट्यूब पर अपने बहुआयामी वीडियोज़ से डॉ. जैन बड़ी संख्या में लोगों का ध्यान आकर्षित करने में सफल हुए हैं। भाषा पर और अभिव्यक्ति कला की खास पहचान के चलते डॉ. जैन कॅरियर और अच्छा सुनने की चाह रखने वालों को निःस्वार्थ लाभ दे रहे हैं। यूथ रेडक्रास के स्टेट रिसोर्स पर्सन, दक्ष प्रशिक्षक के होने अलावा कई स्वयंसेवी संस्थाओं से भी जुड़े डॉ. जैन ने हिंदी साहित्य के इतिहास पर आधारित एक हजार वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर और सृजन के आयाम जैसी बहुआयामी विषयों पर केंद्रित किताब लिखी है। शोध ग्रन्थ के और मौलिक कविताओं के संग्रह के तीन संस्करण अपने आप में उदहारण हैं। डॉ. जैन की किताब में छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा प्रथम पुरस्कृत आलेख भी है जिसमें छत्तीसगढ़ की संस्कृति और सम्पदा का प्रभावी वर्णन किया गया है।
यू ट्यूब लिंक देखिये
youtube/drchandrakumarjain