नरेंद्र मोदी सरकार का एक साल पूरा होने पर रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज एक पत्र जारी कर अपने मंत्रालय की उपलब्धियों का बखान किया. अपने 66 बिंदु के उपलधिपत्र की प्रस्तावना में ही प्रभु ने मीडिया के एक तबके पर रेल मंत्रालय की बजट घोषणाओं पर संदेह करने आरोप लगाया. प्रभु ने कहा, ‘‘मीडिया और जनता के कुछ खास तबकों में यह धारणा है कि रेल बजट में की गई घोषणाएं महज घोषणाएं हैं और ये घोषणाएं जमीन पर नहीं उतारी गई हैं.’’ उन्होंने दावा किया कि चालू वित्त वर्ष के 36 दिन के भीतर उनके मंत्रालय ने बजट में घोषित 39 घोषणाओं पर अमल शुरू कर दिया है.
श्री प्रभु ने कहा कि वे खुद और रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा व्यक्तिगत रूप से योजनाओं के कार्यान्वयन पर नजर रख रहे हैं. हेल्पलाइन नंबर 138 और 182 को शुरू कराना रेल मंत्री अपनी उपलब्धियों में सबसे ऊपर मानते हैं. इसके अलावा टिकट वितरण में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल और टिकट वितरण की प्रक्रिया तेज करने को भी रेल मंत्री ने अपनी उपलब्धि बताया. उन्होंने कहा कि इस साल 17,000 शौचालयों को जैविक शौचालयों में बदलने का लक्ष्य है. रेल मंत्री यह घोषणा ऐसे समय कर रहे थे जब एक दिन पहले ही उत्तर प्रदेश में मुरी एक्सप्रेस की दुर्घटना हुई. शुरुआती जांच में इस दुर्घटना में रेलवे की लापरवाही सामने आई है. ऐसे में रेल मंत्री के सामने सुरक्षित रेल यातायात संचालन कराना सबसे बड़ी चुनौती होगी.