आनंद प्रकाश देश के जाने-माने एथिकल हैकर (व्हाइट हैकर) हैं। एथिकल हैकर वो होते हैं जो अपनी विशेषज्ञता का इस्तेमाल साइबर सिक्योरिटी में खामियां तलाशने के लिए करते हैं। यह उस सिक्योरिटी सिस्टम को ज्यादा मजबूत बनाता है। आनंद ने दुनिया की एक से बढ़कर एक दिग्गज कंपनियों को अपनी सेवाएं दी हैं। इनमें ट्विटर, मेटा से लेकर उबर तक शामिल हैं। ऐसे एथिकल हैकरों की भरमार है जो उन्हें अपना ‘गुरु’ मानते हैं। हाल में उन्होंने 10 करोड़ डॉलर (करीब 800 करोड़ रुपये) में अपनी स्टार्टअप कंपनी पिंगसेफ का सौदा कर सुर्खियां बंटोरी थीं। इस सौदे से करीब दो साल पहले उन्होंने कंपनी की नींव निशांत मित्तल के साथ रखी थी। अमेरिकी शेयर बाजार में लिस्ट सेंटिनेलवन ने इसे खरीदा था।
आनंद प्रकाश का जन्म 1990 में हुआ था। वह राजस्थान के रहने वाले हैं। उन्होंने IIT के लिए खूब तैयारी की थी। लेकिन, आनंद इसमें कामयाब नहीं हुए। फिर उन्होंने वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। वह अपने परिवार में पहले इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं। आईआईटी-जेईई की तैयारी के लिए कोटा जाने तक उनके पास कंप्यूटर नहीं था।
साल 2008-09 की बात है। आनंद पास के साइबर सेंटर में 10 रुपये देकर अक्सर इंटरनेट पर ब्राउजिंग के लिए जाते थे। तब वह कोटा में कोचिंग करते थे। इसी दौरान उनके एक दोस्त ने उन्हें उसका ऑर्कुट अकाउंट हैक करने की चुनौती दी। उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं थी। आनंद ने गूगल पर 10 स्टेप का हैकिंग ट्यूटोरियल देखा और उन्हें इसमें कामयाबी मिल गई। उसी वक्त से उनकी हैकिंग में जबर्दस्त दिलचस्पी पैदा हो गई।
साइबर सिक्योरिटी इंटर्न के तौर पर आनंद प्रकाश का करियर हरियाणा पुलिस के साथ शुरू हुआ। फिर उन्हें अपनी पहली नौकरी फ्लिपकार्ट में बतौर सिक्योरिटी इंजीनियर मिली। फ्लिपकार्ट में कुछ समय काम करने के बाद उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर ऐपसिक्योर नाम की साइबर सिक्योरिटी फर्म की स्थापना की। उनका भाई आज भी उस फर्म को चला रहा है।
आनंद प्रकाश आज भारत के प्रसिद्ध एथिकल हैकरों में से एक हैं। उन्होंने कई बड़ी कंपनियों में सुरक्षा कमजोरियों की पहचान की है। इनमें फेसबुक, ट्विटर, उबर और माइक्रोसॉफ्ट शामिल हैं। उन्हें 2017 में फोर्ब्स इंडिया की 30 अंडर 30 सूची में शामिल किया गया था। 2020 में आनंद प्रकाश को भारत सरकार ने राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित किया था।