Friday, December 27, 2024
spot_img
Homeजियो तो ऐसे जियोछोटा कद, ऊँचे हौसले वाली कलेक्टर

छोटा कद, ऊँचे हौसले वाली कलेक्टर

18 जुलाई 1979 को उत्तराखंड के देहरादून की विजय कॉलोनी निवासी कर्नल राजेंद्र डोगरा और निजी स्कूल में संस्था प्रधान कुमकुम के घर बेटी पैदा हुई। नाम रखा आरती डोगरा। यही इनकी पहली संतान थी। इसकी शारीरिक बनावट अन्य बच्चों से जुदा थी। धीरे-धीरे उम्र बढ़ती गई, मगर तीन फीट 6 इंच के बाद कद नहीं बढ़ा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार डॉक्टर्स ने आरती डोगरा के जन्म पर कहा था कि यह बच्ची सामान्य जिंदगी नहीं जी पाएगी। वहीं, लोगों ने भी ताने कसे थे। इसे परिवार के लिए बोझ बताया। यहां तक की आरती डोगरा के माता-पिता की दूसरी संतान पैदा करने की नसीहत दे डाली थी, मगर उन्होंने इसी इकलौती बेटी को कामयाब बनाने की ठानी और नतीजा यह है कि आज आरती डोगरा आईएएस अफसर हैं।

आरती डोगरा ने अपनी कद-काठी की कमजोरी को ही ताकत बनाया। देहरादून के वेल्हम गर्ल्स स्कूल में दाखिला लिया। इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के टॉप कॉलेज लेडी श्रीराम कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन की। फिर पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए देहरादून चली गईं। वहां इनकी मुलाकात उत्तराखंड की पहली महिला आईएएस मनीषा पंवार से हुई। उनसे आरती को यूपीएससी की तैयारी की प्रेरणा मिली।

आईएएस मनीषा पंवार से मुलाकात ने आरती डोगरा की जिंदगी को एक नई दिशा दे दी। आरती यूपीएससी की तैयारियों में जुट गईं और 2005 में पहली बार परीक्षा दी। पहले ही प्रयास में अखिल भारतीय स्तर पर 56वीं रैंक हासिल आईएएस बनीं और राजस्थान कैडर चुना। वर्तमान में राजस्थान के मुख्यमंत्री की विशेष सचिव के तौर पर कार्यरत हैं।

वर्ष 2006-2007 में आईएएस की ट्रेनिंग के बाद आरती डोगरा को सबसे पहले उदयपुर के एडीएम के तौर पर पोस्टिंग दी गई। इसके बाद ये अलवर व अजमेर के ब्यावर में एसडीएम भी रहीं। बतौर जिला कलेक्टर इन्हें वर्ष 2010 में बूंदी लगाया गया। फिर बीकानेर और अजमेर की जिला कलेक्टर के रूप में भी सेवाएं दी। जोधपुर डिस्कॉम की प्रबंध निदेशक भी रहीं। 1 जनवरी 2019 को मुख्यमंत्री की विशेष सचिव नियुक्त होने से पहले 19 दिसम्बर 2018 से 31 दिसम्बर 2018 तक मुख्यमंत्री की संयुक्त सचिव पद पर रहीं।

आरती डोगरा देश की वो अफसर हैं जिनका कद नहीं बल्कि काम बोलता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इनके काम के तरीके के मुरीद हैं। बीकानेर में जिला कलेक्टर रहते आरती डोगरा ने ‘बंको बिकाणो’ अभियान की शुरुआत की। इसमें लोगों को खुले में शौच ना करने के लिए प्रेरित किया गया। गांव-गांव पक्के शौचालय बनवाए गए, जिसकी मॉनीटरिंग मोबाइल सॉफ्टवेयर के जरिए की जाती थी। यह अभियान 195 ग्राम पंचायतों तक सफलता पूर्वक चलाया गया। बंको बिकाणो की सफलता के बाद आस-पास से जिलों ने भी इस पैटर्न को अपनाया।

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार