एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट द वायर की रिपोर्ट के अनुसार जेएनयू के 11 प्रोफेसर्स ने 200 पेज का एक डॉजियर तैयार किया है जिसमें जेएनयू को ‘ऑर्गनाइज्ड सेक्स रैकेट’ का गढ़ बताया गया है। यह डॉजियर जेएनयू प्रशासन को सौंपा गया दिया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक जिन प्रोफेसर्स ने यह डॉजियर बनाया है वे भाजपा और एबीवीपी के करीबी है। रिपोर्ट तैयार करने वाले ग्रुप का नेतृत्व सेंटर फॉर लॉ एंड गवर्नेंस में प्रोफेसर अमिता सिंह कर रहीं हैं। इस डॉजियर का टाइटल ‘जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी: द डेन ऑफ सेशेनिज्म एंड टेररिज्म’ है। इसे तैयार करने में रिपोर्ट में स्पेशल सेंटर फॉर संस्कृत स्टडी के असिस्टेंट प्रोफेसर हरिराम मिश्रा भी शामिल थे।
इस डॉजियर को लेकर अमिता सिंह ने बताया, खुलेआम सेक्स वर्कर्स को हॉस्टल के मेस में नौकरी दी जाती है, जहां वो न सिर्फ जेएनयू के लड़कों के साथ गलत काम करती हैं बल्कि लड़कियों को भी अपने रैकेट में शामिल होने के लिए उकसाती हैं।’ डॉजियर मुताबिक रात में अक्सर हॉस्टल के आसपास महंगी और बड़ी-बड़ी कारें घूमते हुए देखी जाती हैं। कुछ सिक्युरिटी गार्ड भी इस रैकेट से जुड़े हुए हैं। फ्रेशर्स को इस ग्रुप में शामिल करने के लिए पैसों, ड्रग्स, सेक्स और शराब से ललचाया जाता है।
उन्होंने कहा कि एक हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं पर हॉस्टल में शराब पीने और अनैतिक गतिविधियों में शामिल होने के चलते 2000-5000 तक का जुर्माना लगाया गया। प्रोफेसर मिश्रा ने बताया कि यह डॉजियर यूनिवर्सिटी को बचाने के लिए तैयार किया गया है। यूनिवर्सिटी में वामपंथी दूसरे लोगों को फ्रीडम ऑफ स्पीच के नाम पर डराते हैं। जेएनयू में मेधावी छात्रों पर वामपंथी छात्रों को प्राथमिकता दी जाती है।
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