मुलायम परिवार में मचे घमासान के बाद लोग अपनी रचनात्मकता से मुलायम परिवार की खूबियों, कमियों और भाई भतीजावाद से लेकर गुंडा राज तक को लेकर मज़ेदार ढंग से पेश कर ररे हैं। सोशल मीडिया पर इन दिनों ये समाजवादी चालीसा बहुत लोकप्रिय हो रही है…
जय समाजवाद अपराध अनन्त सागर l
जय मुल्लायम कुकीर्ति तिहुँ लोक उजागर ll
अशांति – दूत छिछोरे “आजम मामा”।
औरंगजेब-पुत्र ब्यान से करत हंगामा ll
माँ, बहन और बेटी के लगावै बोली l
कभी राम भक्त पे चलबाबै गोली ll
मिडिया तोरे चरित्र सुनिबे को रसिया l
बाबर – तैमूरलंग – मुगल मन बसिया ll
मवाली रूप धरि अद्भुत पराक्रम दिखावा ।
हलकट रूप धरि मथुरा में आग लगावाll
मीम रूप धरि मेरे हिन्दू भाई सँहारे ।
हाफिज हरामी आतंकी के काज सँवारे ll
चुनाव जीत सम्पूर्ण गुंडन जियाये ।
जेल में सड़ते मुख़्तार को बाहर लाये ll
आजम खान की जब भैंस माता भुलाईl
हाई-कमान अफ़सरों की मीटिंग बुलाई ll
समधी लालू जादो कीह्नी बहुत बड़ाई ।
तुम मम जिगर-प्रिय नितीश सम भाई ll
सहस अशांति कौम तुह्मारो जस गावैं ।
अस कहि लण्ठ – पति कण्ठ लगावैं ll
कितना कहें तुम्हारा कारनामा-किस्सा ।
तुम हो बड़के नीच लमहरके छत्तीसा ll
जम पापी गंवार शिवपाल जहाँ ते ।
कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥
तुम उपकार निरहुआ पर कीन्हा ।
लखनऊ बुलाय बड़के अवार्ड दीन्हा ll
तुम्हरो मन्त्र केजरीवाल माना ।
मीमेश्वर भए सब जग जाना ॥
लूट – बलात्कार हो या गोरखधंधा l
हर जगह विद्यमान हैं तोरे बन्दा ll
ओछन शब्द मैली – मल मुख माहीं ।
बचवन से गलती होवत हैं अचरज नाहीं ll
दुर्गम काज उत्तर प्रदेश के जेते ।
समाजवादी बड़ी आसानी से कर लेते ll
अमंगल औ अराजकता के तुम रखवारे।
होत न अपराध,आज्ञा बिनु पैसारे ॥
बलात्कारी सुख लहै तुह्मारी सरना।
समाजवाद रच्छक काहू को डर ना ॥
पुलिस,दरोगा थानेदार निकट नहिं आवै ।
“समाजवादी बाबु” जब नाम सुनावै ॥
समाजवादियों के आका मुल्लायम राजा।
पार्टी में अपराधियों के लिए खुल्ला दरवाजा ll
यूरोप – अमेरिका तक परताप तुम्हारा l
है परसिद्ध जगत – जगत अँधियारा ॥
चोर – उचक्कों-माफियों के तुम रखवारे ।
असुर अभिनंदन चिचा आजम दुलारे ॥
साईकिल औ लैपटॉप के दाता ।
अस बर दीन “डिम्पल” माता ॥
हराम रस रसायन तुम्हरे पासा ।
सदा बने रहो शांतिदूत के दासा ॥
तुम्हरे भजन समस्त कौम को भावै ।
जनम जनम के दुख बिसरावै ॥
अन्त काल 2017 में चुनाव फिर आई ।
तोरे परिणाम दुर्गति कहल न कहाई ॥
जय जय जय समाजवाद गोसाईं ।
कृपा करहु लण्ठन पर हूरोंदेव की नाईं ॥
जो सत बार पाठ कर लेवे यह कोई ।
जिंदगी झण्ड बने, महा दुःख होई ॥
जो शख्स पढ़ै नित समाजवाद चालीसा ।
बने दुष्ट-पापी भटकै सब लक्ष्य दिशा ll
गणेश सिंह ‘गन्नू’ सदा चाणक्य चेला l
क्या गजब तीक्ष्ण शब्द – बाण से पेला ll
Note – ये 31 चौपाइयां हैं बाकी की 9 चौपाइयां
और एक दोहा सेंसर्ड है।