रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि केंद्र सरकार रिन्युएबल एनर्जी के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए रेलवे की खाली जमीन पर सोलर थर्मल प्लांट लगाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि कार्बन इमिशन करने के लिए काम करने की जरूरत है। हम कोयला जैसा एनर्जी के पारंपरिक संशाधनों पर निर्भर नहीं रह सकते हैं। हमें इनोवेटिव तरीके अपनाने होंगे। इसके लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर कार्बन इमिशन घटा सकते हैं।
इलेक्ट्रिसिटी की सबसे ज्यादा खपत करता है रेलवे
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने उद्योग संगठन सीआईआई के एक कार्यक्रम में कहा है कि रेलवे इलेक्ट्रिसिटी की सबसे अधिक खपत करता है। मंत्रालय अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए सोलर पावर के इस्तेमाल को बढ़ाने के कई तरीके अपना रहा है। सोलर पावर जेनरेट करने के लिए रेलवे बिल्डिंग के रूफटॉप का इस्तेमाल करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसके साथ ही रेलवे कोचेज की छत पर सोलर पैनल लगाने की पहल भी शुरू की गई है।
सोलर थर्मल से बिजली बनाने पर खास फोकस
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि हम सोलर थर्मल से बिजली बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं। केंद्र सरकार के पास देशभर में रेलवे की काफी अधिक खाली जमीन है, जहां थर्मल प्रोजेक्ट लगाए जा सकते हैं। हम अपनी जमीन पर ऐसे प्रोजेक्ट लगाने की फिजिबिटली का अध्ययन कर रहे हैं। पीपीपी मॉडल के तहत सोलर पावर शुरू करने पर विचार कर रहे हैं। सुरेश प्रभु ने अपने पहले रेल बजट में अगले पांच साल में 1000 मेगावाट के सोलर प्लांट लगाने की घोषणा की थी।
रेल्वे की खाली जमीन पर पैदा होगी सौर ऊर्जाः श्री सुरेश प्रभु
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