माननीय प्रकाश जी जावडेकर,
मानव संसाधन विकास मंत्रालय
भारत सरकार, नयी दिल्ली
महोदय,
जिस प्रकार अग्रेजी भाषा में सामान्यत:एक ही फाँट (Times New Roman) का उपयोग किया जाता है। उसी प्रकार यदि हिंदी में भी एक फाँट (यूनिकोड) का उपयोग किया जाए तो अन्य भाषाओं की तुलना में हिंदी का प्रचार तेज गति से होने में मद्दत हो सकती है। इसके उपयोग से फायदे कौन से उस पर मैंने प्रकाश डाला है।
1.भारत में विश्वविद्यालयों में हो रहे अनुसंधान (प्रबंध) जो हिंदी भाषा (देवनागरी लिपि ) में है। सभी में एक ही फाँट यूनीकोड हो जिससे वह फाँट भारत में ही नहीं बल्कि विश्व के किसी भी संगणक पर खुल सकता है।
2.सब प्रबंध अर्त जाल ( internet ) अपलोड करना होगा।
3.(plagiarism) वाड्.मय चौर्य पर रोक लग सकती है।
4.भारत सरकार जो अनुसंधान पर खर्च कर रही है उन अनुसंधान की पुर्नवृत्ति नहीं होगी।
5.internet पर हिंदी साहित्य या अनुसंधान प्रबंधों से भरमार होगी।
6.वर्धा विश्वविद्यालय,महाराष्ट्र ने यूनीकोड में काफी सामग्री internet पर अपलोड की है। ऐसे आेर प्रयासों की आवश्यकता है।
7.विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रमों में यूनिकोड का अध्ययन अनिवार्य करे।
8.सभी सरकारी कार्यालयों में हिंदी के लिए एक ही फाँट अनिवार्य करें।
9.इससे जानकारी जाँच में मदद होगी।
10.अगर नियोजन के साथ हिंदी को आगे बढ़ाना है तो ऐसे कदम उठाने की आवश्यकता है।
11.हिंदी को लेकर एक वाक्यता के लिए विचार करने की जरुरत है।
12.दूरदृष्टि रखकर इस संदर्भ योजना बनाएँ।
आशा करता हूँ कि मेरे विचारों से हिंदी के प्रचार-प्रसार कुछ सार्थक या सकारात्मक विचार हो सकता है ।
धन्यवाद की कामना सह……..
वानखेड़े गजानन सुरेश -अनुसंधानकर्ता
प्लांट नंबर 142 गट नंबर 60 ,शिव कालनी,जलगांव ।
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