इंडिया हैबिटैट सेंटर के गुलमोहर सभागार में सिएट संस्था की और से एक मुलाक़ात फरहत शहजाद के साथ, कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमे सुप्रसिद्ध कवि ग़ज़लकार फरहत शहज़ाद से दिल्लीवासी मुखातिब हुए। शहज़ाद साहिब ने कविता पाठ किया और अपने कवी जीवन के कई अन्य पहलुओं पर डॉ मृदुला सतीश टंडन से गुफ्तगू कर उन दिलचस्प अंजान बातों से सबको अवगत कराया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ सिएट संस्था की अध्यक्ष डॉक्टर मृदुला टंडन के स्वागत भाषण और दीप प्रज्ज्वलन से हुआ जिसमे प्रसिद्ध कवी लक्ष्मी शंकर बाजपाई (पूर्व डी डी जी आल इंडिया रेडियो), लोकप्रिय ग़ज़ल गायक शकील अहमद, फिक्की फ्लो की प्रेसिडेंट अर्चना गुप्ता गरोडिया, विदेश मंत्रालय की सुनीति शर्मा, ममता किरण आदि शामिल हुए। कवि का परिचय देते हुए डॉक्टर मृदुला टंडन ने फरहत शहज़ाद की अनेक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
फरहत शाहज़ाद ने बहुत छोटी उम्र में शोहरत और कामयाबी की बुलंदियां छू ली थीं। 1983 में रिलीज़ हुई उस्ताद मेहदी हस्सन की एल्बम “कहना उससे” की सातों ग़ज़लें फरहत साहिब की लिखी हुई थीं। इस एल्बम के निकलते ही इसकी कामयाबी के साथ मौसिकी की दुनिया में फरहत शहजाद का नाम एक सितारे की तरह उभर कर आया।
हर नामचीन उस्ताद गायक ने इनकी ग़ज़लों को अपने सुरों में ढाला है। जगजीत सिंह, गुुलाम अली, और मौसिकी की मल्लिका, लता मंगेशकर ने इनकी ग़ज़लों को अपनी आवाज़ दी है। अनगिनत विश्व कविता महोत्सव और अंतर्राष्ट्रीय मुशायरों में फरहत साहिब ने शिरकत की है और सम्मान पाए हैं।
दिलचस्प शख्सियत के मालिक फरहत शहजाद की जि़न्दगी से जुड़े अत्यंत रोचक किस्से भी सुनने को मिले और अंत में सभाघर में मौजूद ग़ज़ल प्रेमियों के साथ एक प्रश्नोत्र और गुफ्तगू का समय भी रखा गया।
पूरी तरह भरे इस सभागार में विख्यात ग़ज़ल गायिका रीता गांगुली, प्रसिद्द शायर सुबोध लाल, नाजिम नकवी, रेखता के संजीव सराफ, खालिद आल्वी, डॉ हरीश भल्ला समेत अनेक प्रतिष्ठित विभूतियां उपस्थित थीं।
डॉ मृदुला सतीश टंडन का कहना है की आज की पीडी को अपनी भाषा और रवायात से जुड़ने के लिए ऐसे कार्यक्रम बहुत आवश्यक हैं जिनमें आम जनता को बेहतरीन कलाकारों को देखने का मौक़ा मिले।
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Shailesh Nevatia
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