हिंदी के मशहूर लेखक सुरेंद्र वर्मा को उनके उपन्यास ‘काटना शमी का वृक्ष: पद्मपंखुरी की धार से’ के लिए वर्ष 2016 का व्यास सम्मान प्रदान किया जाएगा। के के बिरला फांउडेशन ने उत्तर प्रदेश के झांसी में जन्मे 76 वर्षीय वर्मा को 26 वां व्यास सम्मान देने की घोषणा की। पुरस्कार में साढ़े तीन लाख रुपए की राशि, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न शामिल है। साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की अध्यक्षता में गठित चयन समिति ने वर्मा को यह पुरस्कार देने का फैसला किया। चयन समिति में तिवारी के अलावा श्रीमती मृदुला गर्ग, प्रोफेसर रामजी तिवारी, प्रोफेसर पांडे शशिभूषण शीतांशु, प्रोफेसर राजेंद्र गौतम और प्रोफेसर सुरेश ऋतुपर्ण शामिल थे, जो के के बिरला फाउंडेशन के निदेशक हैं। यह सम्मान पिछले 10 वर्ष में प्रकाशित किसी श्रेष्ठ कृति को दिया जाता है।
वर्मा का यह उपन्यास 2010 में प्रकाशित हुआ था। संगीत नाटक अकादमी और साहित्य अकादमी सम्मान से पुरस्कृत शर्मा ‘मुझे चांद चाहिए’ जैसे चर्चित उपन्यास और ‘सूर्य की अंतिम किरण से सूर्य की पहली किरण तक’ और ‘कैदे हयात’ जैसे मशहूर नाटकों के लेखक हैं। व्यास समिति की स्थापना 1991 में हुई थी और डॉ रामविलास शर्मा, गिरिजा कुमार माथुर, धर्मवीर भारती, कुंवर नारायण, केदारनाथ सिंह और श्रीलाल शुक्ल जैसे लेखकों को यह सम्मान मिल चुका है।