Sunday, November 24, 2024
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सुरेश प्रभु का दावा आने वाले 15 वर्षों में 100 नए अएरपोर्ट बन जाएँगे

सरकार की योजना 10 से 15 वर्षों में 100 नए एयरपोर्ट बनाने की है। ये सरकारी और निजी सहयोग (पीपीपी) से बनाए जाएंगे। इन पर करीब 4.2 लाख करोड़ रुपए का खर्च आएगा। नागरिक उड्‌डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी। अभी एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधीन करीब 120 एयरपोर्ट हैं।

दुनियाभर की 280 एयरलाइंस के संगठन आयटा सीईओ अलेक्सांद्र डि जुनिका ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय टिकटों पर जीएसटी लगाना अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्‌डयन संगठन (आईसीएओ) के सिद्धांतों के खिलाफ है। इन सिद्धांतों का पालन करने पर भारत भी सहमत है। इकोनॉमी क्लास के टिकट पर 5% और बिजनेस क्लास पर 12% जीएसटी लगता है। उन्होंने कहा कि विमान ईंधन के दाम में तेज बढ़ोतरी और रुपए में गिरावट से यहां की एयरलाइंस को नुकसान हो रहा है।

विमानों में उड़ान के दौरान इंटरनेट और कॉलिंग सुविधा के लिए दूरसंचार विभाग अक्टूबर में आवेदन मंगा सकता है। उड्‌डयन सचिव आर.एन. चौबे ने बताया कि विभाग के अफसरों ने यह सेवा उपलब्ध कराने की इच्छुक कंपनियों और एयरलाइंस अफसरों साथ कई बैठकें कीं।

अफ्रीकी देशों में व्यापार बढ़ाने की अपार संभावनाएं है, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारत के उद्यमियों को उन देशों में निर्यात बढ़ाने के उपायों पर गंभीरता से कार्य करना चाहिए।

शाम वाराणसी में आयोजित समारोह में पांच राज्यों के छह जिलों की विकास दर बढ़ाने की योजना की शुरूआत करने के बाद फेडरेशन आॅफ इंडिया एक्सपोर्ट आॅर्गेनाइजेशन के एक कार्यक्रम में उन्होंने उद्यमियों को यह सलाह दी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 22 अफ्रिकी देशों से व्यापार की संभावनाएं अधिक है तथा उन देशों को प्राथमिकता की श्रेणी में रेखते हुए वहां की जरूरतों के अनुसार सामान तैयार करना और निर्यात करना चाहिए। वजह यह कि उन देशों से व्यापार की संभावनाओं के अलावा किसी प्रकार की बाधा भी नहीं है।

चीन एवं अमेरिका द्वारा हाल में अनेक सामानों पर एक दूसरे द्वारा आयात शुल्क में बढ़ोत्तरी का जिक्र करते हुए कहा कि अब विश्व की व्यापार पस्थितियां बदल रही हैं। पहले दुनियां के बहुत से देश एक दूसरे का व्यापार बढ़ाने वाली नीतियों पर चलते थे, लेकिन अब उसमें कमी देखी जा रही है। बदली हुई परिस्थितियों के अनुसार उद्यमियों को अपनी रणनीति बनानी होगी और सरकार भी उनकी हर संभव मदद करने का प्रयास करेगी।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने मंगलवार को कॉफी क्षेत्र के लिए दो मोबाइल ऐप पेश किए जिससे किसानों को उत्पादन में वृद्धि और गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिलेगी।

कॉफी के अंशधारकों के लिए डिजिटल मोबाइल एक्सटेंशन सेवा के यह दो एप्स, – इंडिया कॉफ़ी फील्ड फोर्स ऐप और कॉफी कृषि तरंगा हैं।

प्रभु ने यहां एक समारोह में कहा, “तकनीक का उपयोग कॉफी किसानों को उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि करने में मदद करेगा।”

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कॉफी कृषि तरंगा सेवाएं उत्पादकता, लाभप्रदता और पर्यावरणीय स्थिरता बढ़ाने के लिए सूचना और सेवाएं प्रदान करती हैं। कॉफी उत्पादकों के डिजिटलीकरण और ‘जियो टैगिंग’ के साथ एस्टेट और बागान विवरण एकत्रित करने जैसी जमीनी गतिविधियों की पूरी प्रक्रिया को आसान बनाने में यह एप्प मदद करेगा।

केन्‍द्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारत में विकास की गति तेज होने के बदौलत ऊर्जा की मांग बढ़ेगी। उन्‍होंने यह भी कहा कि जीवाश्‍म ईंधन सदैव उपलब्‍ध नहीं रह पाएगा, इसलिए नवीकरणीय ऊर्जा की जरूरत है। श्री सुरेश प्रभु आज नई दिल्‍ली में आईएसए (अंतर्राष्‍ट्रीय सौर गठबंधन) नवाचार एवं निवेश फोरम के एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि जीवाश्‍म ईंधन के संसाधन का प्रबंधन सर्वोत्तम ढंग से होने के बावजूद यह ईंधन सदैव उपलब्‍ध नहीं रह पाएगा। उन्‍होंने कहा कि शेल गैस एवं तेल का उपयोग सीमित है और इससे पर्यावरण पर अत्‍यंत प्रतिकूल असर पड़ता है। जलवायु परिवर्तन का खतरा एक वास्‍तविकता बन चुका है और इसने पृथ्‍वी की जैव विविधता को प्रभावित किया है। उन्‍होंने कहा कि ऊर्जा का असंतुलित उपयोग विश्‍व के विभिन्‍न हिस्‍सों में अनेक पर्यावरणीय समस्‍याओं का मूल कारण है।

सौर गठबंधन की परिकल्‍पना प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने वर्ष 2015 में एक संधि आधारित अंतर्राष्‍ट्रीय अंतर-सरकारी गठबंधन के रूप में की थी।

उन्‍होंने कहा कि आईएसए ने सभी देशों को अपने देश की जनता के बीच समृद्धि, ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास सुनिश्चित करने का अवसर प्रदान किया है। उन्‍होंने कहा कि जब सौर ऊर्जा का उत्‍पादन बढ़ जाएगा तो इसकी कीमतें नीचे आ जाएंगी। श्री सुरेश प्रभु ने सौर ऊर्जा के व्‍यापक उत्‍पादन के लिए वित्त एवं प्रौद्योगिकी की लागत घटाने के लिए संयुक्‍त प्रयास करने की जरूरत पर विशेष बल दिया। उन्‍होंने कहा कि ऑस्‍ट्रेलिया और जापान की अनेक कंपनियां भारत में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश करने की इच्‍छुक हैं। मंत्री महोदय ने सकारात्‍मक बाजार संकेत देने की जरूरत पर विशेष बल दिया, ताकि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास में और अधिक धनराशि का निवेश किया जा सके। भारत ने ऊर्जा मिश्रण में कार्बन मुक्‍त ऊर्जा की हिस्‍सेदारी बढ़ाने के लिए वर्ष 2022 तक 100 गीगावाट सौर ऊर्जा का उत्‍पादन करने का लक्ष्‍य रखा है।

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