कोलकाता पुस्तक मेला में वाणी प्रकाशन के स्टॉल पर ‘हिंदी साहित्य ज्ञानकोश’ के लिए बहुत उत्सुकता देखी गई और पाठकों ने बड़ी संख्या में इसके सेट की प्री-बुकिंग भी कराई। भारतीय भाषा परिषद और वाणी प्रकाशन की ओर से यह मार्च, 2019 में प्रकाशित किया जाएगा। हिंदी साहित्य ज्ञानकोश का प्रकाशित होना एक ऐतिहासिक घटना है। हिंदी में लगभग 100 वर्षों बाद बना यह एक अनोखा ज्ञानकोश है जो 7 खंडों में और लगभग 5000 पृष्ठों का है। इसमें हिंदी भाषा और साहित्य के अलावा इतिहास, समाजविज्ञान, पौराणिक चरित्र, धर्म, दर्शन, विश्व की सभ्यताओं और पश्चिमी सिद्धांतों की 2660 प्रविष्टियां अद्यतन सूचनाओं के साथ हैं।
‘हिंदी साहित्य ज्ञानकोश’ के मुखपृष्ठ के अनावरण के अवसर पर राजा राममोहन रॉय लाइब्रेरी के पूर्व निदेशक भाषाविद् एवं पुस्कालय संगठन के विद्वान डॉ के. के. बनर्जी ने इस कोश से जुड़े हुए संस्मरण को सुनाते हुए कहा कि इस कोश की शुरुआती संरचना से प्रो. शंभुनाथ के साथ वे जुड़े हैं और इसकी अनुक्रमिकता और सरंचना लाइब्रेरी साइंस के अनुसार तैयार की गई है। पुस्तक प्रविष्टियों पर उन्होंने आश्चर्य जताते हुए प्रो. शंभुनाथ की मेहनत की सराहना की। प्रसिद्ध लेखक और चिंतक मृत्युंजय भारतीय भाषा परिषद और वाणी प्रकाशन ‘हिंदी सहित्य ज्ञानकोश’ पर सुखद अनुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि यह कोश समकालीन भारत की गुत्थियों को भी सुलझाता है, हमारे प्राचीन और आधुनिक समाज को समझने के लिए यह आवश्यक ग्रंथ है। डी.जी.पी मृत्युंजय कुमार सिंह ने अपनी शुभकामनाएं प्रकट करते हुए कहा कि हिंदी साहित्य ज्ञानकोश विद्यार्थियों के लिए बेहद कारगर सिद्ध होगा।
पुस्तक मेला में इसकी प्री-बुकिंग और मुखपृष्ठ के अनावरण के अवसर पर इसके प्रधान संपादक डॉ. शंभुनाथ ने कहा कि 7 खंडों के इस ज्ञानकोश के निर्माण में देश के लगभग तीन सौ विद्वानों का सहयोग मिला है और यह हिंदी पाठकों के एक बड़े अभाव की पूर्ति करेगा। खुशी है कि अब यह शीघ्र प्रकाशित हो कर आ रहा है। वाणी प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अरुण माहेश्वरी ने कहा कि हमारे स्टाल पर इसकी भारी मांग है। हम इसे दुनिया के अन्य देशों में भी ले जाएंगे। हम इसे देश के कई शहरों में प्रमोशन रिलीज़ करेंगे। ‘हिंदी साहित्य ज्ञानकोश’ हर शिक्षित परिवार के लिए एक जरूरी ग्रंथ है।
वाणी प्रकाशन के प्रंबध निदेशक ने इस कोश से जुड़े अपने अनुभव के बारे में बताया कि जब यह कोश भारतीय भाषा परिषद की ओर से तैयार किया जा रहा था तभी से वाणी प्रकाशन इसमें रुचि रखे हुए है। अब यह कोश शीघ्र ही पाठकों और विद्वानों के लिए उपलब्ध होगा। कोश के वितरण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी व्यवस्था की गई है। विद्यार्थियों के लिए लगभग 5000/- पृष्ठों के पेपरबैक का मूल्य 2000/- रुपये है तथा पुस्तकालयों के लिए डीलक्स संस्करण का मूल्य 5000/- रुपये में उपलब्ध रहेगा। साहित्य के विकास का रास्ता राजनीति, समाजशास्त्र एवं कलाओं के अंत:संबंधों से होकर जाता है, यह कोश इस कमी को पूरा करता है। शोधार्थी मधु सिंह ने कहा कि हिंदी साहित्य ज्ञानकोश की परियोजना का पूरा होना हिंदी की महत्वपूर्ण उपलब्धि है। कोलकाता पुस्तक मेला में मुखपृष्ठ के अनावरण के अवसर पर नील कमल, जितेंद्र सिंह, पूजा गुप्ता, निशांत, जितेंद्र जीतांशु, श्रीनिवास सिंह यादव आदि उपस्थित थे।
वाणी प्रकाशन के बारे में…
वाणी प्रकाशन अपने 55 वर्ष के साहित्यिक-सांस्कृतिक सफ़र में हिन्दी के गौरव के लिए सक्रिय और संकल्पित है। हिन्दी विश्व की आज दूसरी बड़ी भाषा है। हम किताबों की बदलती दुनिया के साथ हमक़दम हैं। वाणी प्रकाशन की गहरी प्रतिबद्धता अपने पाठकों तक पहुँचने की रही है। हमारी किताबों की उपस्थिति आज 3 लाख से अधिक गाँवों, 2,800 क़स्बों, 54 शहरों के साथ 12 मुख्य ऑनलाइन स्टोर्स के माध्यमों से पाठकों के बीच हैं। यह सन्तोष की बात है कि साहित्य अकादेमी, नोबल पुरस्कार तथा अन्य राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्बन्धित किताबें और उनके लेखक हमारे साथ हैं। आज प्रिण्ट, इलेक्ट्रॅानिक और आडियो प्रारूप की 6000 से अधिक किताबें पाठकों के लिए उपलब्ध हैं। ‘हिन्दी महोत्सव’ का देश-विदेश में अनवरत आयोजन करने वाला वाणी फ़ाउण्डेशन पहला न्यास है।
विगत तीन वर्षों से यह महत्वाकांक्षी समारोह दिल्ली के अलावा यू.के. में भी किया गया है। वाणी फ़ाउण्डेशन, यू.के., हिन्दी समिति, वातायन और यू.के. के सान्निध्य में वर्ष 2018 का आयोजन क्रमशः लन्दन ऑक्सफोर्ड, बर्मिंघम और स्लोह में हुआ, जिसे करने में वाणी फ़ाउण्डेशन अग्रणी है।
‘वाणी फ़ाउण्डेशन’ की एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है भारतीय भाषाओं से हिन्दी व अंग्रेजी में श्रेष्ठ अनुवाद का कार्यक्रम। इसके साथ ही इस न्यास के द्वारा प्रतिवर्ष डिस्टिंगविश्ड ट्रांसलेटर अवार्ड भी प्रदान किया जाता है जिसमें मानद पत्र और एक लाख रुपये की राशि अर्पित किये जाते हैं। वर्ष 2017 के लिए यह सम्मान सुप्रसिद्ध लेखिका अनामिका को दिया गया है।
‘वाणी फ़ाउण्डेशन’ पुस्तकों के प्रसार, विचार-विमर्श और आयोजन अभियान में ‘जयपुर बुक मार्क’ का विश्वस्त सहयोगी है। विश्व पुस्तक मेले में वाणी के स्टॉल पर जयपुर बुक मार्क साथ होगा।
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