आने वाले दिनों में दोस्तों से किसी इमरजेंसी के लिए पैसा उधार लेने से आप मुश्किल में आ सकते हैं। सरकार एक नया अध्यादेश लेकर आ रही है, जिसके लागू होने के बाद को-ऑपरेटिव सोसाइटी, चिट फंड से पैसों का जुगाड़ करना भी महंगा पड़ेगा। इतना ही नहीं व्यापारियों अथवा चैरिटेबिल संस्था से निजी जरूरतों को पूरा करने के आसानी से पैसा नहीं ले पाएंगे।
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, केंद्र सरकार जल्द ही एक अध्यादेश लेकर के आ रही है, जिसके बाद चिट फंड कंपनियों के अलावा को-ऑपरेटिव सोसाइटी में पैसा जमा करना काफी मुश्किल हो जाएगा। अनियंत्रित डिपॉजिट स्कीम अध्यादेश के लागू होने के बाद बहुत सारे लोगों पर इसका असर पड़ने की संभावना है।
सरकार के इस अध्यादेश की कई वित्तीय एक्सपर्ट ने नोटबंदी से तुलना की है। अभी तक नियमों के अनुसार रिश्तेदारों, बैंक, वित्तीय संस्थानों, प्रॉपर्टी खरीदार और ग्राहकों से पैसा उधार लेने पर छूट मिलती थी। इसी तरह कारोबारी भी किसी गैर रिश्तेदार से कारोबार करने के लिए लोन ले सकता है। लेकिन नए नियमों को नोटबंदी से भी ज्यादा बड़ा माना जा रहा है। नए नियमों के अनुसार बच्चों की पढ़ाई, घर के किसी सदस्य के बीमार होने पर केवल रिश्तेदारों से पैसा लिया जा सकेगा। इस तरह के खर्चों के लिए लोग रिश्तेदारों के बजाए अपने दोस्तों से पैसा उधार लेते थे।
ईटी की खबर के मुताबिक नए अध्यादेश के लागू हो जाने के बाद अगर बच्चे किसी चैरिटेबिल संस्था से अपनी पढ़ाई के लिए लोन लेना चाहेंगे तो वो उनको नहीं मिलेगा। अब छात्रों को या तो अपने नजदीकी रिश्तेदारों अथवा बैंक से ही पढ़ाई करने के लोन मिल सकेगा।
इस अध्यादेश से सबसे ज्यादा छोटे कारोबारियों को परेशानी हो सकती है, क्योंकि यह लोग बैंकों के बजाए अन्य जगह से लोन लेकर के अपना व्यापार करते हैं। अध्यादेश के अनुसार बैंकों या फिर अन्य तरीकों से पैसा जमा करने, उधार लेने पर ऐसे लोगों की संपत्ति को जब्त किया जा सकता है। इसके साथ ही उनको जेल भी जाना पड़ सकता है।