भोपाल। राष्ट्रीय जनसम्पर्क दिवस के अवसर पर पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी भोपाल द्वारा ;लोकतंत्र में मतदाताओं की भूमिका और वर्तमान में जनसम्पर्क की चुनौतियां " के साथ ही ;वर्तमान समय में गांधी की प्रासंगिकता विषय पर व्याख्यान सहित लोकसंपर्क सम्मान 2019 प्रदान किये गए। राष्ट्रीय जनसम्पर्क दिवस के आयोजन में मुख्य अतिथि और वक्ता के रूप में सचिव एवं आयुक्त जनसम्पर्क पी.नरहरि ने जनसम्पर्क की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा की मानव सामाजिक प्राणी है, एक दूसरे से संपर्क के बिना उसका जीवन असंभव सा है। गांधीजी की 150 वीं जयंती वर्ष पर गांधी जी का संदर्भ लेते हुए उन्होंने कहा की विचार का जन्म तो होता है, परन्तु मृत्यु नहीं और आज के मौजूदा दौर में महात्मा गाँधी के विचार उनके जाने के बाद भी उतने ही प्रासंगिक हैं। इस दौरान पी.नरहरि ने बताया की सिविल सेवा दिवस और राष्ट्रीय जनसम्पर्क दिवस एक ही दिन पड़ता है। प्रशासन और जनसंपर्क का गहरा संबंध है। एक प्रशासनिक अधिकारी जनसंपर्क कौशल में निपुण हुए बिना प्रभावी रूप से कार्य नहीं कर सकता। एक अधिकारी को परिस्थितियों को ध्यान में रखकर स्थानीय आधार पर निर्णय लेना होता है।
एम्स भोपाल के निदेशक प्रो.डॉ.सरमन सिंह ने जनसम्पर्क के महत्व को दर्शाते हुए इसके दोनों पहलुओं पर अपने विचार रखते हुए कहा कि इस समय देश में समाचार और प्रोपोगंडा में अंतर समझना मुश्किल सा हो गया है। किसी भी संस्थान के विकास में जनसम्पर्क की प्रभावी भूमिका होती है। डीएलएफ लिमिटेड की जनरल मैनेजर मार्केटिंग एंड कम्युनिकेशन पल्लवी मोहन
ने वर्तमान समय में हर व्यक्ति के पत्रकार है। जिसके हाथ में स्मार्टफोन है वह सूचना का संचार कर सकता है। आज के दौर में फेक न्यूज के प्रसार से बचना चाहिए। इंफ्रास्ट्रक्चर में नवीन तकनीकी आत्मा के सामान है | एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के पूर्व जनरल मैनेजर पीआर गुरुमुख सिंह बावा ने मीडिया और जनसम्पर्क के दौर की कठिनाइयों को बताते हुए कहा कि आज पत्रकार को मल्टीटास्किंग बनने की आवश्यकता है। जनसंपर्क कर्मी अपनी व्यवहारिक कुशलता से किसी भी तरह की परिस्थितियों से निपटने में सक्षम होता है। पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी भोपाल को इस दिशा में जागरूकता के लिए और भी अधिक कार्यक्रम आयोजित करना चाहिए।
महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के एडजंक्ट प्रोफेसर अरुण कुमार त्रिपाठी ने गांधीजी की 150वीं जयंती वर्ष पर अपने विचार रखते हुए कहा की गाँधी महान संप्रेषक थे। गाँधी का जीवन संस्कृति और सभ्यता का समन्वय करता है, असत्य या झूठ की चुनौती केवल जनसम्पर्क के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए है इसलिए गांधीजी का चिंतन आज भी प्रासंगिक है | गाँधी
के जीवन से अधिक सन्देश उनके मृत्यु में छुपे हैं | मध्य प्रदेश के उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव जैन ने बताया मतदाता हैं तो लोकतंत्र है | मतदाताओं का रुझान शुरुआत से ही सकरात्मक नहीं रहा है |
कभी वोटर का नाम नहीं जुड़ पता था और वोटिंग भी 30 प्रतिशत से कम होती थी | परन्तु आज जनसम्पर्क और संचार से ही मतदाता जागरूक हुए हैं और मतदान भी 75 प्रतिशत के आंकड़े को छूने लगा है|
एलआईसी के क्षेत्रीय प्रबंधक बी.एल. दास के अनुसार भारतीय जीवन बीमा निगम के विस्तार और मार्केटिंग में जनसम्पर्क का बहुत महत्व है। एलआईसी जनसम्पर्क के माध्यम से तेजी से लोगो से जुड़ रही है और जनमाध्यमों का बेहतर इस्तेमाल कर रही है। आज जनता को जीवन बीमा के लिए जागरूक करने में जनसंपर्क महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
भारत की नवरत्न कंपनियों में से एक पावर ग्रिड कारपोरेशन के जनरल मैनेजर कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन नरेश कुमार ने संचार के बदलते पहलुओं को बारीकी से समझाया और कहा की 90 के दशक और 2000 के बाद के दौर में टेक्नोलॉजी ने संचार के तौर तरीके बदल दिए हैं | अब टेक्नोलॉजी प्रभावी जनसम्पर्क के लिए इस्तेमाल हो रही है।
लोकसंपर्क सम्मान
वर्ष 2019 के लिए शासकीय क्षेत्र में जनसंपर्क के लिए मध्यप्रदेश शासन के जनसंपर्क विभाग के अपर सचिव डाॅ. एच.एल. चौधरी, निजी क्षेत्र में जनसंपर्क एवं संचार के लिए रविन्द्र नाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे, मीडिया शिक्षण के क्षेत्र में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के प्रो. डॉ. श्रीकांत सिंह, लोक प्रसारण के लिए भोपाल आकाशवाणी
केन्द्र के समाचार विभाग के प्रमुख श्री संजीव शर्मा और नवोदित पत्रकार की श्रेणी में न्यूज 18 की सुश्री रंजना दुबे को दिया गया।
समारोह में जनसंपर्क पर केन्द्रित पुस्तक ‘‘जनसंपर्कः बदलते आयाम एवं महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर केन्द्रित विशेष स्मारिका ‘‘ देश, समाज और गांधी का विमोचन भी किया गया। यह दोनों प्रकाशन मुख्य रूप से मीडिया एवं जनसंपर्क के विद्यार्थियों एवं युवाकर्मियों को लक्ष्य कर तैयार किए गए हैं। जनसंपर्क पुस्तक में निजी, शासकीय, सार्वजनिक, रेलवे, रक्षा, वित्त, फिल्म और
स्वास्थ्य क्षेत्र में जनसंपर्क की चुनौतियों पर देश भर के विशेषज्ञों ने लेख लिखे हैं।
देश, समाज और गांधी स्मारिका में देश भर के 40 से अधिक गांधी पर चिंतन- मनन करने वाले विद्वान लेखकों के लेख प्रकाशित किए गए हैं। इस आयोजन मे पब्लिक रिलेशन सोसाइटी भोपाल के इस आयोजन में वरिष्ठ पत्रकार लज्जाशंकर हरदेनिया, राजेश बादल, विजयदत्त श्रीधर, गिरीश उपाध्याय, साहित्यकार विजय बहादुर सिंह, नवल शुक्ल, श्री शशांक, इतिहासकार सुरेश मिश्र और अरविंद चतुर्वेदी सहित पब्लिक रिलेशनस सोसायटी के अध्यक्ष पुष्पन्द्र पाल सिंह, सचिव डॉ.संजीव गुप्ता, कोषाध्यक्ष मनोज द्विवेदी, उपाध्यक्ष प्रो. अविनाश बाजपेयी, संयुक्त सचिव योगेश पटेल सहित वरिष्ठ सदस्य विजय बोद्रिंया, प्रकाश साकल्ले, प्रो. राजपाल सिंह, संजय सीठा, श्रृद्धा बोस, प्रो.अनुराग सीठा, दिनेश शुक्ल, सोनी यादव, अतुल शर्मा, अजय पटेल, सुयश भट्ट, परेश उपाध्याय, दीपक चौकसे, सहित मीडिया विद्यार्थियों ने सहभागिता की।
मनोज द्विवदी, कोषाध्यक्ष,
पब्लिक रिलेशनस सोसायटी भोपाल