यूं तो तो किसी आदमी से 1 करोड़ रुपए की बात की जाए तो वह हैरान हो जाता है। वहीं दूसरी ओर भारतीय मूल के एक ऐसे इंसान भी हैं जिनकी रोजाना सैलरी करीब 4 करोड़ रुपए है।
भारतीय मूल के निकेश अरोड़ा को हाल ही में सॉफ्टबैंक का सीओओ (चीफ ऑपरेशन्स ऑफिसर) बनाया गया है। निकेश को सॉफ्टबैंक कॉर्प की तरफ से सितंबर 2014 से मार्च 2015 तक के लिए करीब 850.5 करोड़ रुपए सैलरी के तौर पर दिए गए।
इस तरह से निकेश की सैलरी 1 अरब 21 करोड़ 50 लाख रुपए प्रति महीना बनती है। ऐसे में अगर इनकी रोजाना सैलरी की बात करें, तो निकेश की हर दिन की सैलरी 4 करोड़ रुपए बैठती है।
निकेश अरोड़ा इससे पहले गूगल के कार्यकारी अधिकारी भी रह चुके हैं। सॉफ्टबैंक के सीओओ बनने से पहले वह कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट के पद पर थे, जिन्हें शेयरहोल्डर्स की जनरल मीटिंग में सीओओ बना दिया गया।
निकेश अरोड़ा ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के आईआईटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है और उसके बाद बोस्टन कॉलेज से फाइनेंस में मास्टर डिग्री हासिल की है। इन्होंने नॉर्थ ईस्टर्न यूनिवर्सिटी से एमबीए भी किया है।
आपको बता दें कि जब निकेश गूगल में अपनी सेवाएं दे रहे थे, उस समय भी इनकी सैलरी इतनी अधिक थी कि वे सबसे अधिक सैलरी पाने वाले अधिकारी थे। उस समय इनकी सैलरी 46.7 मिलियन डॉलर (करीब 294 करोड़ रुपए) थी निकेश को 7 महीने काम करने के लिए 130 मिलियन डॉलर सैलरी मिली है। ऐसे में अगर उनकी सालाना सैलरी देखी जाए तो ये करीब 231 मिलियन डॉलर (130/7*12=231) बनती है।
निकेश अरोड़ा इस समय दुनिया में सबसे अधिक सैलरी पाने वाले तीसरे व्यक्ति हैं। ब्लूमबर्ग पे इंडेक्स के अनुसार फिलहाल दुनियाभर में पहले नंबर पर गोप्रो इनकॉरपोरेशन के सीईओ और फाउंडरर निकोलस वुडमैन हैं।
निकोलस ने पिछले साल कुल 285 मिलियन डॉलर की सैलरी पाई है। निकोलस के बाद बारी आती है लिबर्टी ग्लोबल केसीईओ माइकल टी फ्राइस की। माइकल की पिछले साल की सैलरी 284.5 मिलियन डॉलर थी