Saturday, November 23, 2024
spot_img
Homeभारत गौरवपश्चिम बंगाल में बना सबसे बड़ा मंदिर

पश्चिम बंगाल में बना सबसे बड़ा मंदिर

कोलकाता। दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर इस महीने खुलने वाला है। मंदिर की पहली मंजिल में फिनिशिंग का काम अपने अंतिम चरण में है। वैदिक तारामंडल वाले इस मंदिर का निर्माण एक लाख वर्ग फीट किया गया है, जो पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के मायापुर में स्थित है। वैदिक तारामंडल के मंदिर में दुनिया में कई चीजें पहली बार होंगी। मंदिर दुनिया भर में लाइव प्रार्थना को दिखाएगा। यह अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी वाले आधुनिक समय के किसी महल से कम नहीं है, जहां सबसे बड़ा झूमर लगाया गया है।

इस्कॉन या इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ कृष्णा कॉन्शसनेस का मुख्यालय मायापुर है। इस मंदिर की कई विशेषताएं हैं, जो इसे अद्वितीय बनाती हैं। इसका निर्माण कार्य एक दशक पहले शुरू हुआ था और संरचना के निर्माण में दो करोड़ किलो से अधिक सीमेंट का इस्तेमाल हो चुका है। इसमें हर मंजिल का एक लाख वर्ग फुट का होगा, जो इसे और भी खूबसूरत बनाता है और साथ ही मंदिर में सबसे बड़ी गुंबद बनी है।

वैदिक ज्ञान पर आधारित एक वैज्ञानिक और आधिकारिक प्रस्तुति के माध्यम से दुनिया भर में वैदिक संस्कृति और ज्ञान का प्रसार करने के इरादे से इस मंदिर को बनाया गया है। 380 फीट ऊंचे मंदिर में विशेष ब्लू बोलिवियन संगमरमर का उपयोग किया गया है, जो मंदिर में पश्चिमी वास्तुकला के प्रभाव दिखाता है।

वैदिक तारामंडल मंदिर के प्रबंध निदेशक, सदबुझा दास ने कहा कि यह मंदिर पूर्व और पश्चिम का मिश्रण है। संगमरमर वियतनाम से आयात किया गया है। हमने भारत से भी संगमरमर खरीदा है। मंदिर अद्वितीय है क्योंकि इसमें पुजारी मंजिल 2.5 एकड़ में फैली है और मंदिर का फर्श 60 मीटर व्यास का है। देवताओं का घर भी अनोखा है। हम 20 मीटर लंबी वैदिक झूमर (vedic chandeliers) का निर्माण कर रहे हैं।

मंदिर इतना विशाल है कि इसकी एक मंजिल में एक बार में 10,000 से अधिक श्रद्धालु बैठ सकते हैं, भगवान कृष्ण के सामने प्रार्थना कर सकते हैं, गा सकते हैं और नृत्य भी कर सकते हैं। मंदिर में संचार प्रमुख सुब्रतो दास ने कहा कि हमारे संस्थापक आचार्य प्रभुपाद कुछ ऐसा निर्माण करना चाहते थे, जो पूरे विश्व को मायापुर की ओर आकर्षित करे। मायापुर चैतन्य महाप्रभु की जन्मस्थली रहा था।

वे चाहते थे कि सभी लोग आएं। मंदिर के दरवाजे सभी समुदायों, सभी जातीय पृष्ठभूमि, सभी धार्मिक पृष्ठभूमि के लिए खुले रहेंगे। लोग यहां आ सकते हैं, जाप कर सकते हैं, प्रभु के सामने नृत्य कर सकते हैं और “संत कीर्तन आंदोलन” का हिस्सा बन सकते हैं। हालिया आंकड़ों के मुताबिक, मायापुर में हर साल लगभग 70 लाख लोग आते हैं। हाल ही में सीएम ममता बनर्जी ने मायापुर को हेरिटेज सिटी घोषित किया था।

साभार- दैनिक नईदुनिया से

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार