Monday, November 18, 2024
spot_img
Homeदुनिया मेरे आगेलन्दन की संस्कृति का का हिस्सा हैं यहाँ के पब

लन्दन की संस्कृति का का हिस्सा हैं यहाँ के पब

कई वर्ष पहले की बात है . मुझे लन्दन में अपने एक ब्रिटिश मित्र से मिलना था , उसने मेसेज किया , “शाम को ऑफिस से लौटते हुए वेस्टमिनिस्टर के क़रीब किसी पब में मिलते हैं “. सच बोलूँ तब तक मुझे पब का ठीक ठीक मतलब पता नहीं था . वे मुझे साथ ले कर वेस्टमिनिस्टर के समीप ही वाइट हॉल इलाक़े में सिल्वर क्रॉस पहुँचे. मुझे ऐसा लगा जैसे किसी कंट्री साइट में पहुँच गया होऊँ। बाहर की दीवार पर ग्रीन पेंट वाले वुड पैनल की संरचना और पूरी की पूरी दीवार फूलों से लदे गमलों से सजी हुई , अंदर का नज़ारा और भी सुंदर था लग रहा था जैसे विक्टोरियन जमाने के शाही मेन्शन के रिसेप्शन रूम में आ गए हो , टीकवुड के पैनल , हाल में काफ़ी ऊँचाई से लटके खूबसूरत शैंडेलियर, एक दीवार के समानांतर लंबा काउंटर और उस पर बीयर के टैप, सुरुचि पूर्ण ग्लास की क़तारें, यक़ीन नहीं हुआ कि बीयर पीने की जगह इतनी दिलकश भी हो सकती है।

पब अंग्रेज़ी के दो शब्द पब्लिक हाउस का संक्षिप्त रूप है, और यह ब्रिटेन के सांस्कृतिक परिवेश का अहम हिस्सा है. ऐसा क्यों है इसका अनुभव पब में जा कर ही संभव हो सकता है. पब में लोग सिर्फ़ बीयर पीने के लिए नहीं नहीं आते हैं , यह वो जगह है जहां लोग सामाजिक मेल मिलाप , राजनीतिक , साहित्यिक और कला संस्कृति पर चर्चा के लिए मिलते हैं. पब छोटा हो या बड़ा , चार सौ पाँच सौ साल पुराना हो या फिर नया, या फिर उसकी एम्बिएंस कितनी भी फैंसी हो लेकिन यहाँ सर्व की जाने वाली बीयर और खाने पीने के दाम एक से ही होंगे. मेरे एक मित्र इम्पीरियल कॉलेज लन्दन में पढ़े हैं और इन दिनों वहीं पढ़ाते भी हैं , वे कॉलेज के क़रीब के क्वींस आर्म पब में तब से जा रहे हैं जब यहाँ पढ़ा करते थे , वे आज भी अपने पुराने साथियों के साथ वहीं जाते हैं . यह कॉलेज के विद्यार्थियों और प्रोफ़ेसरों की पहली पसंद है.

इसलिए कोई आश्चर्य नहीं कि दुनिया भर में दूसरे बड़े बड़े शहरों की तुलना में लन्दन में सबसे ज़्यादा पब हैं , अल्फा ट्रैवल इन्शुरन्स के द्वारा किए गये वर्ष 2022 के सर्वेक्षण के अनुसार लन्दन में 1327 पब हैं , इससे भी रोचक बात यह है कि लन्दन में पब का घनत्व सबसे ज़्यादा वेस्टमिनिस्टर में है .इस बरो में 430 पब हैं.

पब में बीयर की बहुत सारी वैरायटी मिल जायेंगी , साइडर और कुछ कुछ वाइन भी रहती हैं . लेकिन यहाँ सामान्यत: बार की तरह से लिक्वियर, हार्ड ड्रिंक और कॉकटेल कम ही मिलेंगे . पब में खाने पीने का मेन्यू भी रहता है , यही कारण है कि जहां बार में अवयस्क के प्रवेश की अनुमति नहीं होती है , पब में वयस्क के साथ उन्हें आने की अनुमति रहती है.

ब्रिटेन में पब संस्कृति का इतिहास बहुत पुराना है , इसकी शुरुआत रोमन लोगों के आने के साथ हो गई थी तब इन्हें टैवर्न कहा जाता था , जिनमें अलकोहल आधारित ड्रिंक और ख़ाना दोनों ही मिलते थे . जिन टैवर्न में हाल के साथ अतिथियों को रात गुज़ारने के लिए कमरे भी होते थे उन्हें इन (inn) कहा जाने लगा और ऐसे टैवर्न को मेहमान यात्रियों को रुकाने के लिए लाइसेंस भी लेना पड़ता था .

लेकिन इन(inn) अधिकांशतः प्रकृति के समीप दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों में या फिर मुख्य सड़क मार्गों पर हुआ करते थे जबकि टैवर्न नगर के मध्य अवस्थित होते थे. पाँचवी शताब्दी से इंग्लैंड पर एंग्लो सैक्सन राज शुरू हुआ . एंग्लो सैक्स अपने साथ ऐलहाउस की अवधारणा ले कर आये थे , ऐलहाउस टैवर्न जितने फैंसी नहीं होते थे लेकिन ख़ाना पीना सस्ता होता था , माहौल वैसा ही ख़ुशगवार रहता था .

सत्रहवीं शताब्दी के आते आते इन, ऐलहाउस और टैवर्न शब्दों ने पब को जगह दे दी और तब से यही शब्द खाने पीने के स्थान के लिए अधिक लोकप्रिय हो गया. उन्नीसवीं शताब्दी में ब्रिटिश औद्योगिक क्रांति के चलते लोगों की आय बढ़ी उसी के साथ खाने पीने की आदतें भी बदलने लगीं . इस कारण बीयर की माँग भी बढ़ी . संभावना भरा व्यवसाय मान कर नये नये उत्पादक बीयर बनाने के क्षेत्र में उतर आए.

ऐसी ही ब्रूवेरी ईस्ट लंदन की ब्रिक लेन में है नाम है ट्रूमैन ब्रेवरी. यह 1666 से चल रही है . यहाँ मेरा कई बार आना जाना हुआ है क्योंकि अब यह परिसर फ़ैशन, डिज़ाइन की गतिविधियों का केंद्र बन गया है. यह ब्रेवरी उन्नीसवीं शताब्दी में दुनिया की सबसे बड़ी बियर बनाने वाली ब्रेवरी हुआ करती थी . इनके बो बेल्स, ब्लाइंडसेड, जिप्सी क्वीन , हॉपर्स आईपी ए और नीज अप बड़े ब्रांड हुआ करते थे. लन्दन की अन्य उल्लेखनीय ब्रेवरी गिनीज, कैमेडन टाउन, अनस्पच & हॉबडे, फुलर्स , बीवरटाउन, ब्रूडॉग और ब्रिक्स्टन हैं जिनके प्रमुख उत्पाद गिनीज़ , कैम्डन पेल ऐल, लन्दन ब्लैक, लन्दन प्राइड ,गामा रे ,हेज़ी जेन, पंक आईपीए , रिलायंस पेल ऐल सामान्यत: स्थानीय पब में मिल ही जाएंगे. इस प्रतियोगिता में भारतीय मूल के कारण बिल्मोरिया भी हैं जिनकी कोबरा बीयर काफ़ी सारे पब में मिल जाएगी । उन्होंने 27 वर्ष की उम्र में 1989 में यह बीयर बनाना शुरू किया था क्योंकि उनको लगता था कि ब्रिटिश लॉगर बीयर ज्यादा फ़िजी, ज़्यादा हॉर्श और बहुत ज्यादा पेट फुलाने वाली होती है . करन के कोबरा ब्रांड की बीयर जल्दी ही तमाम रेस्टोरेंट, बार और पब में लोकप्रिय हो गई।

लन्दन के पब के नाम कई बार कुछ चौंकाने वाले से लगते हैं . भिन्न भिन्न पब के नामकारण के पीछे भी काफ़ी रोचक बातें जुड़ी हुई हैं. ग्राहकों को लुभाने के लिए पुराने जमाने में पब के बाहर हाथ से पेंट किए गए आकर्षक नामपट्ट लटका दिए जाते थे , पब का नाम कुछ ऐसा रखा जाता था जो कि जल्दी ही ज़बान पर चढ़ जाए. नामकरण जानवरों, वंश चिन्हों , प्रतीकों, ऐतिहासिक घटनाओं, हंसी मज़ाक़ के शब्दों और साहित्यिक पात्रों के नाम पर किया जाता था. उदाहरण देखिए :
जानवर : द डॉग & पैट्रिज, ब्लाइंड पिग, द रेड लायन
विशिष्ट वंश चिन्ह : एलीफैंट & कैसल
किसी भी क़िस्म का प्रतीक : द ओल्ड पिंट पॉट
ज़मींदार परंपरा : द प्रिंस अल्बर्ट
परंपरागत रोज़गार : द बुचर्स आर्म्स
(जिनमें प्राय व्यंग का पुट हुआ करता था )
ऐतिहासिक घटनाएँ : द रॉयल ओक
किताबों के मशहूर चरित्र : जबेज़ क्लेग ( इसाबेला बैंक्स के उपन्यास द मैनचस्टर मैन का प्रमुख चरित्र )
शहरों के नाम : द कैम्ब्रिज इन

जैसा कि मैंने पहले भी कहा था कि पब में जाना मज़ेदार अनुभव होता है और अगर आप अपने ग्रुप के साथ में हैं, आप पर वापसी में ड्राइविंग की ज़िम्मेवारी रहेगी या आप पीने से परहेज़ करते हैं तो बिना किसी हिचक के सॉफ्ट ड्रिंक ऑर्डर कर सकते हैं . जिन्हें ड्रिंक करना है वे लॉगर, ऐल, बिटर या फिर कोई स्प्रिट्स ऑर्डर कर सकते हैं , अगर आपके द्वारा ड्रिंक का साइज नहीं बताया जाएगा तो आपको लन्दन के पब में एक पाइंट बीयर सर्व की जाएगी जो लगभग 568 एमएल के बराबर होती है. पब में आपकी टेबल पर कोई ऑर्डर लेने नहीं आता है आपको काउंटर पर जा कर ही बताना पड़ता है. हाँ, इन दिनों गैस्ट्रो पब खुल गए हैं उन्हें आप फाइन डाइनिंग का अवतार कह सकते हैं , इनमें ड्रिंक की तुलना में भोजन पर अधिक ज़ोर रहता है वहाँ टेबल पर वेटर आकर ऑर्डर लेता है.

1982 तक लन्दन के पब पर पुरुषों का आधिपत्य हुआ करता था और वहाँ किसी महिला को ड्रिंक के लिए मना करना विधि सम्मत था . इस वर्ष एक सॉलिसिटर टेस गिल और जर्नलिस्ट अन्ना कोटे ने इसके विरुद्ध क़ानूनी लड़ाई लड़ी तब कहीं जा कर महिलाओं को भी पब में पुरुषों के समान अधिकार मिले.

लन्दन के अधिकांश पब का अपना रोचक इतिहास है उनकी समृद्ध परंपरा है , सब का दावा है कि वे सबसे बेहतर हैं . सुप्रसिद्ध लेखक चार्ल्स डिकेंस भी इस तथ्य का समर्थन करते थे , उनका किसी ख़ास पब में निश्चित ठिकाना नहीं था, वह किसी भी पब में जा कर आनंदित रहते थे।

फिर भी कुछ पब का उल्लेख ज़रूर करूँगा , जहां जा कर देखना बनता है . द गुइनिया मैफ़ेयर में है , जो वर्ष 1720 से ब्रुटन प्लेस बिल्डिंग में है , लेकिन इस भवन के बनने से तीन सौ वर्ष पहले से यहाँ पर इसी नाम का टैवर्न हुआ करता था.

आइकोनिक पब द स्पेनियर्ड्स भी काफ़ी पुराना है , यह हैमस्टेड प्लेस और पार्लियामेंट हिल इलाक़े में है जहां कभी कीट्स, बायरन जैसे बड़े कवि और चार्ल्स डिकेंस जैसे कथाकार आ कर बैठा करते थे . यह अपनी बेहतरीन क्राफ़्ट बीयर के लिए आज भी जाना जाता है.

कोवेंट गार्डन का एक छोटा सा पब है – लैम्ब & फ्लैग , यह 1772 से चल रहा है , यह भी अपनी ऐम्बिएंस, अच्छे भोजन और विशेष रूप से क्राफ़्ट की गई बीयर के कारण एक जमाने से लोगों की पसंद है. लेकिन कई बार यहाँ इतनी हाथापाई हो जाती थी कि लोगों ने इसे द ब्लड बकेट भी कहना शुरू कर दिया था . यहाँ जाने माने कवि जॉन ड्राइडन आ कर बैठा करते थे , यहीं उनकी हत्या का प्रयास किया गया था , वे भाग्यशाली रहे कि बच गए.लेकिन यह पब चार्ल्स डिकेंस की हमेशा से पहली पसंद रहा.

सेंट्रल लंदन का एक और पब विशेष रूप से आकर्षित करता है , आल्डगेट हाई स्ट्रीट में द हूप & ग्रेप्स है यह सेंट्रल लंदन का सबसे पुराना पब है जिसकी स्थापना 1593 में हुई थी , यह लन्दन में अठारहवीं शताब्दी में लगी भीषण आग में चमत्कारिक रूप से बच गया था क्योंकि आग की लपटें पब से पचास मीटर पहले ही ठहर गई थीं, नाम में हूप और ग्रेप दोनों हैं क्योंकि प्रारंभ से ही यहाँ बीयर और वाइन दोनों ही सर्व की जाती रही है.

लन्दन के समाचार पत्रों की सड़क फ्लीट स्ट्रीट में वैसे तो कई पब हैं , लेकिन यहाँ द ओल्ड बेल अपनी अनन्य आर्किटेक्ट के कारण प्रभावित करता है. इसे वास्तुविद सर क्रिस्टोफ़र रेन ने ग्रेट फायर के बाद अपने उन राज-मिस्त्री लोगों के लिए बनाया था जो सेंट ब्राइड्स चर्च के निर्माण में लगे हुए थे .
लन्दन के रॉयल कोर्ट के समीप सेवन स्टार्स पब है , यह पैलेस ऑफ़ जस्टिस के ठीक पीछे है . 1602 में बना इस पब में न्यायालय से मुक़दमा जीत जाने वाले और उनके सगे संबंधी जश्न मनाने के लिए बैठते थे . इन ऐतिहासिक पब की सूची में एक और नाम जोड़ रहा हूँ केनसिंग्टन स्थित चर्चिल आर्म्स का यह अपने फूलों से आच्छादित फसाड के कारण आज भी विशेष रूप से आकर्षित करता है , ये फूल के पौधे हर एक मौसम के हिसाब से सजाये जाते हैं, दिसंबर के महीने में यह क्रिसमस ट्री से सजाया जाता है. अंदर जा कर लगता है जैसे अठारहवीं शताब्दी के काल खंड में पहुँच गये हों , द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रहे ब्रिटिश प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल के पितामह यहाँ नियमित रूप से आते थे , उनसे संबंधित बहुत सारे स्मृति चिन्ह यहाँ संजो कर रखे गए हैं . अच्छी क्वालिटी की बीयर और बढ़िया ख़ाना यहाँ की विशेषता है .

आज भी ये पब लन्दन के गुजिश्ता दौर की बहुत सारी कहानियाँ कहते हैं।

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार