ये युवतियां हरियाणा के जींद की रहने वाली हैं। वे दोनों हाथों से एक साथ लिखती हैं। एक हाथ से हिंदी और दूसरे से अंग्रेजी। दोनों हाथों की लिखावट बिल्कुल एक जैसी है। इतनी सुंदर कि देखने वाले भी पहचान नहीं पाते कि किस हाथ से लिखा। बेटियों ने ऐसा साइंटिस्ट अलबर्ट आइंस्टीन से प्रेरित होकर सीखा है। वो भी सिर्फ छह माह में।
सभी बेटियां गांव के ही स्वामी विवेकानंद स्कूल में 9th क्लास की स्टूडेंट हैं। इनके नाम पूजा, प्रिया, तमन्ना, मोनिका, ईशा और मन्नू हैं। वे बताती हैं, ”करीब छह महीने पहले टीचर कुलदीप सिंह क्लास में साइंस पढ़ा रहे थे। इसी दौरान रिलेटिविटी के सिद्धांत टॉपिक पर अलबर्ट आइंस्टीन का जिक्र आया।”
‘टीचर ने आइंस्टीन के बारे में बताया कि वे दोनों हाथों से लिखते थे। ऐसा उन्होंने रोजाना की प्रैक्टिस से ही हासिल किया था। इस पर हमें काफी ताज्जुब हुआ।’ ”उसी दिन हम लोगों ने ठान लिया कि वे भी हर रोज दोनों हाथों से लिखने की प्रैक्टिस करेंगी और ऐसा करके ही दम लेंगी। इसके बाद स्कूल में ही लिखने की प्रैक्टिस शुरू कर दी।’
धीरे धीरे ये लड़कियां दोनों हाथों से लिखने लगी। लिखने की स्पीड़ भी बनने लगी और लिखावट में भी सुधार आने लगा। अब तो ये लडकियां दोनों हाथों से एक साथ हिन्दी, इंग्लिश, संस्कृत और यहां तक कि पंजाबी भी फर्राटेदार लिख लेती है। ये लड़कियां गरीब परिवारों से संबंध रखती है। इनके परिवार के सदस्य छोटी मोटी खेती करते है।
घरवाले और टीचर भी उनको इस तरह से लिखता देखकर काफी खुश होते हैं। लड़कियों के परिजनों का कहना है कि उन्हें बड़ी खुशी है कि उनकी बेटियां तरक्की की ओर अग्रसर है। वे चाहती है कि उनकी बेटी साक्षी मलिक की तरह नाम कमाएं और उनका नाम गिनीज बुक आफ रिकार्ड में दर्ज हो।
साभार- http://www.amarujala.com/ से