Sunday, November 24, 2024
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भोपाल का स्टेशन बर्लिन शहर की तर्ज पर विकसित होगा

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हबीबगंज रेलवे स्टेशन को जर्मनी की राजधानी बर्लिन शहर की तर्ज पर मॉडल रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा. इस पर करीब 450 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा. हबीबगंज रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय टर्मिनल के रूप में विकसित किया जायेगा. रेलवे ने हबीबगंज रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास और आधुनिकीकरण के लिए 450 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी योजना पेश की. प्रदेश१८ की ख़बरें अपने न्यूज़फीड में पढ़ने के लिए पेज like करे बर्लिन की तर्ज पर बनेगा यह देश का पहला मॉडल स्टेशन, 450 करोड़ रुपए होंगे खर्च इसके तहत सार्वजनिक निजी साझेदारी के जरिये यात्रियों के लिए विश्वस्तरीय सुविधाओं के विकास के साथ राजस्व बढ़ाने की पहल की जायेगी. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस अवसर पर कहा, ‘रेलवे के लिए ऐतिहासिक घड़ी है और यह समझौता रेल अधिकारियों के परिश्रम का परिणाम है. रेलवे को राजस्व की वास्तविक आवश्यकता है, क्योंकि यात्री किराये और मालभाड़े से मिलने वाला राजस्व पर्याप्त नहीं है.’ उन्होंने कहा कि इस समझैते से रेलवे की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, क्योंकि आधुनिक बनाये गये स्टेशन पर वाणिज्यिक जगह उपलब्ध होगी और इससे रेलवे को राजस्व की प्राप्ति होगी.

रेल भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में रेल मंत्री सुरेश प्रभु की उपस्थिति में भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास और आधुनिकीकरण के लिए भारतीय रेल स्टेशन विकास निगम लिमिटेड (आईआरएसडीसी) ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. हबीबगंज स्टेशन फिर से विकसित होने वाला पहला स्टेशन होगा.यह स्टेशन रेल मंत्रालय द्वारा आईआरएसडीसी को सौंपे गये आठ स्टेशनों में एक है. रेल मंत्री ने बताया कि राज्य सरकारों के सहयोग से सूरत, गांधी नगर (गुजरात) और बिजवासन तथा आनंद विहार (दिल्ली) जैसे कई और स्टेशनों के पुनर्विकास का काम शुरू किया जाना है. नई रूपरेखा के रेलवे स्टेशन पर देश के नागरिक गर्व करेंगे और इससे रेलवे को राजस्व मिलेगा. रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि रेलवे एक ऐसा संगठन है जिसे यात्रियों को सुविधायें देने के लिए पहले कमाना पड़ता है. स्टेशन पुनर्विकास का काम यथाशीघ्र पूरा करने की पहल की जा रही है ताकि यात्री विश्वस्तरीय सुविधायें प्राप्त कर सकें. उन्होंने कहा कि टिकट कटाने से लेकर गंतव्य स्टेशन से बाहर निकलने तक विकास का कार्य करना है. रेलवे की अगले कुछ महीनों में इस तरह के अन्य अनेक समझौते करने की योजना है.

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