इन्दौर। आज भी देश के अधिकांश युवाओं का सपना एमबीए कर मल्टी नेशनल कंपनियों में अच्छे पैकेज की नौकरी करना होता है।
वहीं 34 साल के निक्की सुरेका पर्यावरण और प्रकृति प्रेम के चलते अमेरिका से नौकरी छोड़कर इंदौर के पास एक गांव में गाय का 100 फीसदी शुद्ध दूध सप्लाई करने में जुटे हैं। 2016 में निक्की ने 9 गायों के साथ काम शुरू किया था, आज इनकी संख्या 85 हो गई है। इससे गांवों में कई लोगों को रोजगार भी मिला है।
निक्की कहते हैं मैं समाज और पर्यावरण के लिए कुछ करना चाहता था, लेकिन इंजीनियरिंग के बाद एमबीए करते ही अच्छी कंपनी में नौकरी मिल गई। बाद में अमेरिका चला गया, लेकिन 5 साल वहां गुजारने के बाद लगा कि जो मैं करना चाहता था, वो नहीं कर पा रहा हूं। अमेरिका में जब मेरी बेटी का जन्म हुआ और उसके लिए कौन सा दूध सर्वोत्तम होगा यह रिसर्च कर रहा था, तब पता चला कि ज्यादा दूध लेने के लिए अधिकांश गायों को इंजेक्शन दिया जाता है। हाइब्रिड गायों के दूध में जो ए1 प्रोटीन होता है, वो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इससे कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। बस उसी समय नौकरी छोड़ने का निर्णय लिया और इंदौर लौट आया।
उन्होंने कहा मैंने लोगों को गाय का शुद्ध दूध उपलब्ध कराने का संकल्प लिया। शुरुआत में परिवार ने काफी विरोध किया, लेकिन मैं उन्हें समझाने के साथ अपना काम करता रहा। पांच साल यूएस में रहकर जो कुछ कमाया था, उससे पास के गांव सनावदिया में 4.5 एकड़ जमीन पर गुजरात से 9 गिर गाय लाकर काम शुरू किया।
इन गायों का बिना इंजेक्शन दिए दूध निकाला जाता है और बिना प्रोसेस किए दो घंटे के अंदर दूध सप्लाई किया जाता है। ए2 प्रोटीन वाला दूध डाइजेस्ट करने में आसान होने के साथ ही इससे हार्ट, ब्लडप्रेशर, कोलेस्ट्राल आदि बीमारियां भी कंट्रोल होती हैं।
गायों को दिया जाता है ऑर्गेनिक चारा
गायों को 100 फीसदी ऑर्गेनिक चारा दिया जाता है। इस घास को उगाने के लिए नीम की पत्ती और गोमूत्र का प्रयोग किया जाता है। इसमें केमिकल या पेस्टीसाइड का उपयोग नहीं होता है। इसके अलावा शतावरी और अश्वगंधा जैसी हर्ब दी जाती हैं। साथ ही मीठा सोडा, रॉक साल्ट दिया जाता है। डिवार्मिंग के लिए भी दवाइयों की जगह नीम की पत्तियों का उपयोग किया जाता है।
प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया जाता
प्लास्टिक में दूध देने की बजाय हम कांच की बॉटल्स में दूध सप्लाय करते हैं। पिछले दो सालों में 400 से अधिक घरों में गाय का 100 प्रतिशत शुद्ध दूध सप्लाय कर रहे हैं। हालांकि अब तक निवेश की तुलना में प्रॉफिट नहीं हो पाया, लेकिन समाज के लिए अच्छा काम करना प्रॉफिट कमाने से ज्यादा संतुष्टि देने वाला होता है।
प्राकृतिक खेती के लिए करते हैं प्रेरित
निक्की कहते हैं वे गायों के गोबर को आसपास के किसानों को देते हैं, जिससे इसका इस्तेमाल वे खाद के रूप में कर सकें और केमिकल फ्री खेती करें। जिससे लोग कैंसर और अन्य बीमारियों के शिकार न हों। इसके अलावा कैंसर के मरीजों को वे गोमूत्र भी उपलब्ध कराते हैं।
साभार naidunia.jagran.com/ से