छत्तीसगढ़ पुलिस की महिला कॉन्सटेबल स्मिता टांडी इन दिनों फेसबुक पर छाई हुई हैं। स्मिता जरुरतमंद लोगों तक पहुंचती हैं और फेसबुक के जरिए उनकी मदद करती हैं। फेसबुक पर उनकी पापुलैरिटी किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं है। फेसबुक पर उनके 7 लाख के करीब फॉलोवर्स है जो कि उन्होंने 20 महीने के अंदर बनाए हैं। जानकर हैरानी कि इस यंग ऑफिसर ने बिना किसी सपोर्ट के लोगों की मदद करके यह मुकाम हासिल किया है। स्मिता अपनी पोस्ट के जरिए जरुरतमंद की समस्या को फेसबुक पर रखती है और लोगों से मदद की अपील करती हैं। उन्होंने पर्सनल ट्रेजडी का शिकार होने के बाद यह अकाउंट बनाया।
स्मिता बताती है कि जब 2013 में वह पुलिस की ट्रेनिंग ले रही थी, उसी दौरान उनके पिता शिव कुमार टांडी बीमार हो गए और उनके इलाज के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे। वह खुद पुलिस में कॉन्सटेबल थे लेकिन 2007 में दुर्घटना के बाद उन्होंने रिटायरमेंट ले लिया था। एक प्राइवेट अस्पताल में अचानक उनकी मौत हो गई। तब मैंने सोचा कि पैसों की कमी के कारण हजारों लोगों की मौत हो जाती है और मैंने उनकी मदद करने का फैसला किया।
2014 में अपने दोस्तों के साथ मिलकर टांडी ने फेसबुक ग्रुप बनाया, जहां उन्होंने मरीजों की फोटो डालते हुए वित्तीय मदद देने की लोगों से अपील की थी। सिर्फ फेसबुक पेज से ही नहीं स्मिता ने सरकारी योजनाओं के जरिए भी पैसा इकट्ठा किया, जिनके बारे में लोगों को ज्यादा पता नहीं होता है। उन्होंने बताया कि मैंने लोगों की समस्या का पता लगाकर फेसबुक पर लाना शुरू किया। शुरू में लोग मेरी पोस्ट पर रिस्पॉन्ड नहीं भी करते थे लेकिन एक महीने बाद लोगों ने पैसे दान करना शुरू किया। मेरा मानना है कि लोगों को विश्वास हआ कि मैं फर्जी नहीं हूं और उन्होंने मेरा विश्वास किया।
स्मिता ने बताया कि आसपास के इलाके में जब उन्हें पता चलता है कि किसी को मदद की जरुरत होती है तो वह खुद वहां पहुंचती है और सारी जानकारी एकत्र करके और उसकी पुष्टि करती हैं। इसके बाद फेसबुक पर मदद की अपील करते हुए पोस्ट करती हैं। वह अस्पताल का बिल चुकाने में 25 लोगों की मदद कर चुकीं हैं और फेसबुक के जरिए मदद करने के संबंध में उनका कहना है कि उन्हें संख्या तो याद नहीं लेकिन यह सौ तो होगी ही। स्मिता के कामों में बारे में उनके सीनियर अधिकारियों को पता है, इसके चलते उन्हें भिलाई वुमेन हेल्पलाइन के सोशल मीडिया कंप्लेंट सेल में रखा गया है।
साभार-http://www.jansatta.com/ से