Sunday, November 24, 2024
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Homeप्रेस विज्ञप्तिब्राडकास्टिंग दिवस पर करनाल जेल के बंदियों का बनाया थीम सॉन्ग जारी

ब्राडकास्टिंग दिवस पर करनाल जेल के बंदियों का बनाया थीम सॉन्ग जारी

• उड़ानों के आगे हमारीं, लगे आसमां भी ये कम
• 10 बंदियों में 5 महिलाएं और 5 पुरुष
• यह सभी हरियाणा जेल रेडियो के 47 रेडियो ज़ॉकी टीम का हिस्सा
• इनका चयन और प्रशिक्षण जेल सुधारक वर्तिका नन्दा ने किया है

करनाल। रंगों से सजे करनाल जेल रेडियों के 10बंदियों ने मिलकर करनाल ज़ेल का थीम सॉन्ग बना दिया है। ब्राडकास्टिंग दिवस के मौके पर आज इसे रिलीज किया गया। गाने की पंक्तियां हैं- तूफ़ानो से रोके रुके ना, पड़े हौसला ना ये कम, उड़ानों के आगे हमारीं, लगे आसमां भी ये कम , जिसको सुनकर मनों में एक अनोखी सी ख़ुशी की लहर दौड़ेगी। करनाल जेल रेडियो के स्टूडियो में ही इस गाने कंपोज किया गया है।

सोनिया सी, ज्योति, सोनिया डी, शिक्षा, आरती, विवेक, वीरेंदर, अमित, दिनेश और मानव- इन सभी का चयन इस साल जेल रेडियो के जॉकी लिए हुआ था। हरियाणा में जेल रेडियो जेल सुधारक वर्तिका नन्दा की संकल्पना पर आधारित है। जिला जेल करनाल के इस थीम सॉन्ग को तिनका तिनका फाउंडेशन ने यूट्यूब पर आज पॉडकास्ट के मंच पर रिलीज़ किया है।

असल में यह प्रयोग हरियाणा में लाए जा रहे जेल रेडियो का एक हिस्सा है। हरियाणा में कुल 19 जेलें हैं, जिनमें से 7 में रेडियो लाने का काम पूरा हो चुका है। 2020 से अब तक इन जेलों में ऑडिशन के बाद 47 बंदियों को रेडियो जॉकी की ट्रेनिंग दी गई है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद राज्य के पहले जेल रेडियो का उद्घाटन पानीपत में हरियाणा के जेल मंत्री श्री रंजीत सिंह द्वारा किया गया।

गाने की तैयारी ऐसे हुई

इस मौके पर वर्तिका नन्दा ने कहा- तिनका तिनका का उद्देश्य जेलों में इंद्रधनुष बनाने की कोशिश करना है। तिनका तिनका मॉडल ऑफ प्रिजन रिफॉर्म देश की जेलों में रेडियो लाने के एक विशेष मॉडल पर काम करने में जुटा है। जेल के रेडियो ने इन जेलों को ब्रॉडकास्टिंग हाउस में तब्दील कर दिया है।

इस गाने को तैयार करने में जले की उप अधीक्षक शैलाक्षी भारद्वाज का विशेष योगदान रहा। वे संगीत में विशेष रुचि रखती है, और खुद कुशल गायिका भी हैं! इस मौके पर शैलाक्षी भारद्वाज ने कहा – जेल के रेडियो की वजह से जेल की रोज की जिम्मेदारियों में खुशियों का एक नए तरह का रस भर गया है। अब बंदी मेरे पास शिकायतें लाने की बजाय अपनी रचनात्मकता लेकर आते हैं। यकीन नहीं होता कि यह जगह दरअसल जेल है।

इस गाने के बाद अब हरियाणा की बाकी जेलों में भी ऐसे कई प्रयोग किए जा रहे हैं।हाल के दिनों में तिनका तिनका फाउंडेशन ने सेंट्रल जेल अंबाला से शेरु, जिला जेल रोहतक से जितेंदर और जिला जेल पानीपत से कशिश के गाने को रिलीज किया था। तिनका तिनका ने 2019 में देश की सबसे पुरानी जेल इमारत में बनी जिला जेल आगरा में भी रेडियो की स्थापना की थी। इसकी संस्थापक वर्तिका नन्दा दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्री राम कॉलेज में पत्रकारिता विभाग की प्रमुख हैं।

संपर्क: tinkatinkaorg@gmail.com/ 9811201839

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