रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने अपने 2015-16 के रेल बजट में यात्री किराए में कोई बढ़ोत्तरी नहीं करके आम आदमी पर कोई बोझ नहीं डाला है और उच्च निवेश के लिए संसाधनों को जुटाने की दिशा में अपनी प्राथमिकता को रेखांकित किया है। रेल बजट में रेल ढुलाई वाले मार्गों की भीड़-भाड़ कम करने, रेलगाड़ियों की रफ्तार बढ़ाने, समय पर परियोजनाओं को पूरा करने, रेल यात्रियों को बेहतर सुविधाएं और सुरक्षा मुहैया कराने पर जोर दिया गया है ताकि रेलवे को जनमानस के यातायात का पसंदीदा साधन बनाया जा सके। रेल बजट 2015-16 में यात्रियों के हितों को ध्यान रखते हुए कई अच्छी पहल की गई है इसके अलावा रेलवे की माल ढुलाई क्षमता में बढ़ोत्तरी से रेलवे को समृद्ध बनाने के लिए निजी सरकारी सहभागिता पीपीपी/प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के जरिए निजी निवेशकों को प्रोत्साहित करने का भी लक्ष्य रखा गया है।
बजट प्रस्तावों में अगले 5 सालों में भारतीय रेल की स्थिति में सुधार लाने के लिए चार उद्देश्य निर्धारित किए गए हैं, जिनमें यात्री सुविधाओं में सतत् एवं बेहतर सुधार, रेलवे को यातायात का सुरक्षित साधन बनाने रेलवे में बेहतर क्षमता विस्तार और बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण एवं रेलवे को वित्तीय रूप से पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाना शामिल है। इन उद्देश्यों को हासिल करने के लिए बजट में 5 कारकों को उल्लेख किया गया है, जिनमें एक श्वेत पत्र समेत मध्यम अवधि वाली एक भावी योजना, दृष्टिकोण 2030 दस्तावेज और एक पांच वर्षीय कार्य योजना है। इसके अलावा लघु अवधि के लिए वित्तीय एवं विदेशी तकनीक के लिए महत्वपूर्ण हितधारकों के साथ सहयोग, अंतिम छोर तक रेलवे संपर्क में सुधार रॉलिंग स्टॉक में विस्तार और स्टेशनों से जुड़ें आधारभूत ढांचे का आधुनिकीकरण शामिल है। रेलवे में अगले पांच वर्षों में 8.05 लाख करोड़ रूपए के निवेश की योजना है और रेलवे अन्य अतिरिक्त संसाधन भी जुटाएगी। रेलवे वर्ष 2015-16 में लक्षित संचालन अनुपात को 88.5 प्रतिशत करने के उद्देश्य को हासिल करने के लिए प्रबंधन तकनीकों, प्रणालियों, प्रविधियों और मानव संसाधनों के प्रबंधन में नई विधियां अपनाएगी। इन उद्दश्यों को हासिल करने के लिए त्वरित निर्णय प्रक्रिया, कड़ी जवाबदेही, बेहतर प्रबंधन सूचना प्रणाली और मानव संसाधनों के बेहतर प्रशिक्षण एवं विकास को भी कार्य योजना का हिस्सा बनाया जाएगा।
भारतीय रेलवे की यात्रा को एक सुखद अनुभव बनाने के लिए बजट में साफ-सफाई एवं स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया गया है और स्वच्छ रेल स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्टेशनों एवं रेलगाड़ियों की साफ-सफाई के लिए एक नए विभाग का भी प्रस्ताव दिया गया है। 650 अतिरिक्त स्टेशनों पर नए शौचालय बनाए जाएंगे हैं और इस्तेमाल के बाद फेंके जाने योग्य बिस्तरबंद की ऑनलाइन बुकिंग भी उपलब्ध होंगी। इस बजट में लगातार काम करने वाले हेल्पलाइन नम्बर 138, यात्रियों की सुरक्षा से संबंधित शिकायतों के लिए नि:शुल्क नंबर 182 का भी प्रस्ताव है।
टिकट प्रणाली को यात्रियों के हितों के लिए अधिक अनुकूल बनाने के लिए बजट में अनारक्षित टिकटों को जारी करने के लिए ऑपरेशन 5 मिनट का प्रस्ताव है इसके अलावा हॉट बटन, कोइन वेंडिंग मशीन, नि:शक्त यात्रियों के लिए रियायती ई-टिकटों की सुविधा और अन्य भाषाओं में टिकट बुकिंग करने के लिए एक ई-पोर्टल को भी विकसित किया जाएगा। बैंकों के जरिए बकाया राशि लेने और स्मार्ट फोन पर अनारक्षित टिकट उपलब्ध कराने की सुविधा का भी प्रस्ताव है। बजट प्रस्तावों में स्मार्ट कार्ड आधारित एवं करेंसी विकल्प वाली ऑटोमेटिक टिकट मशीनों के विस्तार, रेल सह सड़क टिकट की तर्ज पर समन्वित टिकटिंग प्रणाली और रक्षा क्षेत्र से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए वारंट प्रणाली को समाप्त कर रक्षा यात्रा प्रणाली को विकसित करने की बात भी कही गई है। रेल में यात्रा करने वालो को बेहतर खान-पान संबंधी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए रेल बजट में ई-कैटरिंग के जरिए मनपसंद भोजन को भी चुनने का अधिकार है। इसमें टिकटों की बुकिंग के समय आईआरसीटीसी वेबसाइट के जरिए भोजन का ऑर्डर देने, इस परियोजना में बेहतर भोजन श्रृंखलाओं को एकीकृत करने और बेहतर गुणवत्तायुक्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए जानी-मानी एजेंसियों की ओर से आधार रसोईघर की स्थापना और पानी के लिए वैंडिंग मशीनों के विस्तार पर भी जोर दिया जाएगा।
महिला रेल यात्रियों की सुविधा के लिए मुख्य लाइन के चुनिंदा कोचों और उप शहरी क्षेत्र में चलने वाली रेलगाड़ियों के महिला डिब्बों में प्रायोगिक आधार पर निगरानी कैमरे भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
अब, आदर्श स्टेशन योजना के तहत 200 और स्टेशनों को शामिल किया जाएगा और बी-श्रेणी के स्टेशनों में वाई-फाई की सुविधा चलाई जाएगी तथा स्टेशनों में यात्रियों के लिए खुद इस्तेमाल किए जाने वाले लॉकर उपलब्ध कराए जाएंगे। कुछ चिन्हित की गई रेलगाड़ियों की यात्री क्षमता में बढ़ोत्तरी की जाएगी और सामान्य श्रेणी के डिब्बों में बढ़ोत्तरी की जाएगी। रेलवे ने उपरी सीट पर चढ़ने के लिए बेहतर सीढ़ियों के संबंध में एनआईडी से भी विचार-विमर्श किया है। रेल बजट में वरिष्ठ यात्रियों के लिए निचली सीटों की संख्या में और बढ़ोत्तरी किए जाने का प्रस्ताव है। रेल गाड़ी में टिकट निरीक्षकों को वरिष्ठ नागरिकों, गर्भवती महिलाओं और नि:शक्तजनों को निचली सीट लेने में मदद करने के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। रेलगाड़ियों में बीच वाले डिब्बें महिला और वरिष्ठ नागरिकों के लिए आरक्षित किए जाने का प्रस्ताव है। विभिन्न स्टेशनों पर लिफ्ट एवं एस्क्लेटर्स की सुविधा के लिए 120 करोड़ रूपए आवंटित किए गए हैं। नवनिर्मित डिब्बो में दृष्टिहीन यात्रियों की सुविधाओं के लिए ब्रेल आधारित सूचना प्रणाली भी होगी। विकलांग लोगों को चढ़ने-उतरने में आसानी के लिए डिब्बों के प्रवेश द्वार चौड़े बनाए जाएंगे और यात्रियों की सुविधाओं के लिए आवंटन में 67 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की गई है। देश के लभगभ सभी राज्यों तक पहुंच बनाने वाले 9400 किलोमीटर लंबे 77 रेल प्रोजेक्टों की (डब्लिंग/ट्रिप्लिंग और क्वाड्रूपुलिंग कार्यों के लिए) 96182 करोड़ रूपए दिए जाएंगे। यातायात सुविधा के कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता दी गई है इसके लिए 2374 करोड़ रूपए का प्रावधान है। रेलवे में विद्युतीकरण की रफ्तार को बढ़ाने के लिए वर्ष 2015-16 में 6608 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग को मंजूरी दी गई है जो पिछले वर्ष की तुलना में 1330 प्रतिशत ज्यादा है।
बजट प्रस्तावों के अनुसार 9 रेल गलियारों में मौजूदा रफ्तार 110 और 130 किलोमीटर/घंटे से बढ़ाकर 160 से 200 किलोमीटर/घंटा की जाएंगी। ताकि दिल्ली कोलकाता और दिल्ली–मुंबई की यात्रा एक रात में पूरी की जा सकेगी। भरी हुई माल गाड़ियों की रफ्तार 75 किलोमीटर/घंटे और खाली माल गाड़ियों की औसत रफ्तार 100 किलोमीटर/घंटे की जाएगी।
रेल यात्रियों की सुरक्षा को रेलवे के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण घोषित करते हुए दुर्घटना संभावित क्षेत्रों के लिए एक कार्य योजना प्रस्तावित की गई है। बजट में 3438 लेवल क्रोसिंग को समाप्त करने, 970 रेल उपरीगामी सेतू (ओवरब्रिज) और रेल भूमिगत सेतू (अंडरब्रिज) के लिए कुल 6581 करोड़ रूपए का प्रावधान है जो पिछले वर्ष के मुकाबले 2600 प्रतिशत ज्यादा है। चुनिंदा मार्गों पर जल्द से जल्द रेल सुरक्षा चेतावनी प्रणाली और रेल टक्कर बचाव प्रणाली को स्थापित किया जाएगा।
रेलवे में निजी क्षेत्र के निवेश को आकर्षित करने के लिए रेलवे की निजी सरकारी सह भागिता की इकाई का पुनर्गठन किया जाएगा, विदेशी रेल तकनीकी सहयोग योजना शुरू की जाएगी। केंद्रित परियोजनाओं के विकास के लिए संसाधन जुटाने, भूमि अधिग्रहण, परियोजना क्रियान्वयन और महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं के निगरानी के लिए राज्य सरकारों के साथ संयुक्त उपक्रम स्थापित किए जाएंगे। नई रेल लाइनों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की बड़ी कंपनियों के साथ संयुक्त उपक्रम स्थापित किए जाएंगे।
भारत रेल को अधिक से अधिक पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए 100 डीईएमयू को सीएनजी एवं डीजल से चलने लायक बनाया जाएगा। एलएनजी से चलने वाली रेलगाड़ियों को बनाने की प्रक्रिया अभी चल रही है। इसके अलावा रेलगाड़ियों के ध्वनिस्तर को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार रखा जाएगा ताकि वन क्षेत्रों से गुजरने वाली रेलगाड़ियों के कारण वन्यजीवों को कम से कम ध्वनि प्रदूषण का सामना करना पड़े।
सामाजिक सरोकारों के हिस्से के रूप में रेल स्टेशनों और प्रशिक्षण केंद्रों को अब कौशल विकास के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। असाधारण भारत के लिए असाधारण रेल की शुरूआत की जाएगी और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कोंकण रेलवे की तर्ज पर ऑटोरिक्शा चालकों और टैक्सी चालकों को टूरिस्ट गाईड के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने के महात्मा गांधी के 100 वर्ष के अवसर को एक प्रतीक के रूप में मनाने के लिए आईआरसीटीसी पर्यटकों को आकर्षित करने के मद्देनजर गांधी सर्किट को बढ़ावा देने की दिशा में काम करेगी। इसके अलावा खेती एवं विपणन तकनीक केंद्रों के लिए विशेष किसान यात्रा योजना का भी प्रस्ताव है। बजट अनुमानों के अनुसार 2015-16 के लिए 1,00,011 करोड़ रूपए के योजना परिव्यय का प्रस्ताव है जो पिछली योजना से 52 प्रतिशत अधिक है। इसमें से 41.6 प्रतिशत संसाधन केंद्र सरकार के सहयोग से और 17.8 प्रतिशत आंतरिक स्रोतों से जुटाए जाएंगे।
*श्री सौरभ कुमार पत्र सूचना कार्यालय नई दिल्ली में सहायक निदेशक (आईआईएस प्रशिक्षु हैं)