पुणे। जहां सरकारें ग्रामीण इलाकों में डॉक्टरों को दो साल की सेवा करने के लिए नियम कानून बना रही हैं, ताकि गरीबों और बेसहारों की इलाज के अभाव में जान नहीं जाए। वहीं, महाराष्ट्र के पुणे में रहने वाले एक डॉक्टर ने अपनी नेकी और इंसानियत से मिसाल कायम की है।
डॉक्टर अभिजीत सोनवाने गरीब और बेघर-बेसहारा मरीजों का न सिर्फ फ्री में इलाज करते हैं, बल्कि उन्हें दवाइयां भी मुफ्त बांटते हैं। इस वजह से वह गरीबों के साथ ही आम लोगों के बीच भी खासे फेमस हो गए हैं।
रविवार को छोड़कर वह हर दिन सुबह 10 बजे से लेकर तीन बजे तक यह काम करते हैं। डॉक्टर सोनवाने मरीजों के काम आने वाली आम दवाओं का डिब्बा लेकर सड़कों पर निकल पड़ते हैं। जहां उन्हें कोई बीमार मिलता है, वहीं उसका इलाज करना शुरू कर देते हैं।
डॉक्टर सोनवाने कहते हैं कि मैं अक्सर बुजुर्ग बीमार लोगों से मिलता हूं, जिन्हें उनके परिजन छोड़ देते हैं। इन लोगों के पास भीख मांगने के अलावा गुजर-बसर का कोई विकल्प नहीं होता। उनका इलाज करके और उन्हें कुछ छोटा-मोटा काम दिलाकर समाज के लिए कुछ करने की यह मेरी छोटी सी कोशिश है।
वह कहते हैं कि लोगों का इलाज करने के साथ-साथ उनसे बातचीत कर एक रिश्ता बना लेता हूं। इसके बाद डॉक्टर सोनवाने उन्हें समझाने की कोशिश करते हैं कि भीख मांगना छोड़कर कोई छोटा-मोटा काम शुरू करें।
वह कहते हैं कि उन गरीब लोगों को काम-धंधा शुरू करने के लिए मैं अपनी तरफ से हरसंभव मदद देने का भरोसा दिलाता हूं। इस तरह समाज के लिए कुछ कर पाने में मुझे खुशी मिलती है। सोनवाने ने साल 1999 में डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी की थी।
साभार- https://naidunia.jagran.com/ से