भोपाल। शहर का छह नंबर बाजार मध्यप्रदेश का एक ऐसा बाजार है जहां पर हिंदी बोलने वाले ग्राहकों को व्यापारी सम्मान देते हैं। बाजार के 56 व्यापारियों ने पांच साल पहले एक संकल्प लिया कि दुकानों पर आने वाले ग्राहकों से हिंदी में ही बात करेंगे। उन्हें हिंदी में ही बिल बनाकर देंगे। इतना ही नहीं व्यापारियों ने अपनी-अपनी दुकानों के सामने हिंदी में नाम लिखे बोर्ड ही लगवाए हैं। बाजार की एक भी दुकान ऐसी नहीं है, जिसका अंग्रेजी में नाम लिखा हो। शब्द भले ही अंगेजी के हैं, लेकिन उन्हें हिंदी भाषा में ही लिखा गया है।
जैसे मेडिकल, मोबाइल, सैलून, क्लीनिक सहित अन्य सभी दुकानों के नाम हिंदी भाषा में ही लिखे हुए हैं। 31 साल पुराने इस छोटे से बाजार की पहचान हिंदी बाजार के रूप में बन चुकी है। बाजार में दुकानें शुरू होते ही बड़ा बोर्ड लगाया है, जिसमें हिंदी में ही वेलकम लिखवाया है।
ऐसे आया बाजार में हिंदी में काम करने का विचार
सुभाष मार्केट व्यापारी संघ के सचिव राजेंद्र हेमनानी (राजू) बताते हैं कि एक बार मार्केट में एक अंग्रेज आया, उसने एक दवाई मांगी। मैंने उसे दवाई दी तो उसने कहा धन्यवाद। इस पर मुझे लगा कि जब विदेशी भारत आकर हिंदी बोलते हैं तो हम क्यों थैंक्यू कहते हैं। इसके बाद भोपाल में विश्व स्तरीय हिंदी सम्मेलन हुआ, जिसमें इस बाजार के व्यापारी भी गए थे। वहां हमने देखा और समझा कि जब चीन, रूस, फ्रांस सहित अन्य देशों के लोग अपनी मातृभाषा बोलते हैं तो हम हिंदुस्तान में रहकर हिंदी में बोलने-लिखने में संकोच या शर्म महसूस क्यों करते हैं। इसके बाद ठाना बाजार में कामकाज के लिए हिंदी का ही इस्तेमाल करेंगे।
चलाया रोको-टोको अभियान
सुभाष मार्केट व्यापारी संघ के अध्यक्ष अखिलेश रावत बताते हैं कि सभी व्यापारी ग्राहकों से हिंदी में ही बात करते हैं। शुरुआत में ग्राहकों से हिंदी में बोलने की अपील की गई। जो ग्राहक बोलते थे उन्हें जागरूक करने के लिए रोको-टोको अभियान चलाया गया। दो महीने तक लगातार अभियान चलाकर लोगों को हिंदी का प्रयोग करने के प्रति जागरूक किया गया। अब भी जब कोई ग्राहक ज्यादा अंग्रेजी में बात करता है तो उससे यही कहते हैं कि कृपया हिंदी में बात कीजिए। ऐसे व्यापारी और ग्राहक हिंदी का प्रयोग करते हैं, उनको विशेष सम्मान देते हैं।
साभार- https://www.naidunia.com/ से