यूपी में पीलीभीत जिले के अमर उजाला के पूर्व ब्यूरो चीफ रहे विश्वमित्र टंडन को उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए अमेरिका में सम्मानित किया गया है। उन्हें यह सम्मान अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य (एमपी) जान गेरामंडी ने पंजाबी अमेरिकन हैरिटेज सोसायटी की ओर से 29 मई को एक समारोह के दौरान दिया। टंडन को ऑफीशियल ऑनर का प्रिंटेड फ्रेम देकर सम्मानित किया गया।
टंडन को यह सम्मान 1994 में आतंकवाद के दौरान आतंकी बताकर पीलीभीत पुलिस द्वारा फर्जी मुठभेड़ में 11 सिख तीर्थ यात्री को मारे जाने की घटना की असलियत का खुलासा करते हुए उसे अमर उजाला में प्रमुखता से प्रकाशित करने की वजह से दिया गया।
सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए जान गेरामंडी ने कहा कि टंडन की रिपोर्टिंग की वजह से ही दो दशकों के बाद 11 सिख युवकों को मारे जाने के मामले में न्याय और 47 पुलिसकर्मियों को सजा मिल सकी है।
सोसायटी के फाउंडर सदस्य डॉ.सुखजीत कांग ने कहा यह संतोष की बात है कि लंबे समय बाद ही सही इस मामले में पीड़ित परिवार को न्याय तो मिला, जिससे दुनिया के सिखों में भारतीय न्याय व्यवस्था के प्रति विश्वास बढ़ा है।
बताते चलें कि टंडन 1983 से 2005 तक पीलीभीत जिले में अमर उजाला के ब्यूरो चीफ रहे हैं। उस दौरान उन्होंने इंदिरा गांघी के निधन के बाद वर्ष 1984 में हुए सिख दंगों, वर्ष 1986 में हुए न्यूरिया दंगा (जिसमे दोनों समुदायों के लगभग तीन दर्जन लोग मारे गए थे), राम मंदिर आंदोलन, कई साल तक जिले में फैले रहे भीषण आतंकबाद की घटनाओं, वर्ष 1994 में हुए पुलिस फर्जी मुठभेंडकांड जिसमे 11 सिख तीर्थ यात्री मारे थे, वर्ष 1994 में जिला जेल में टांडा बंदी हत्याकांड (जिसमे सात सिख टाडा बंदी मारे गए थे) की गहराई तक जाकर निर्भीकता के साथ कवरेज की थी। टंडन की मुख्य ख्याति 11 सिख तीर्थ यात्रियों की फर्जी मुठभेड़ में मारे जाने की स्टोरी ब्रेक करने वाले पत्रकार के रूप में अभी हालही में तब मिली जब इस मामले में लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने 47 पुलिसकर्मियों को उम्र कैद की सजा सुनाई।
पंजाबी अमेरिकन हैरिटेज सोसाइटी कैलिफोर्निया (अमेरिका) ने उनकी इस उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए 29 मई को यूबा सिटी में हुए अपने वार्षिक समारोह में सम्मानित किया। सोसायटी ने इसके लिए टंडन के अमेरिका आने-जाने के लिए टिकट से लेकर रुकने तक का सारा खर्च उठाया।
साभार- samachar4media.com से