‘सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन’ (एससीएसबीएफ) के फाउंडर और पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘उल्लू डिजिटल’ (Ullu Digital) के खिलाफ कार्रवाई की मांग के लिए ‘भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड’ (SEBI) की चेयरपर्सन श्रीमती माधबी पुरी बुच को एक पत्र लिखा है।
इस पत्र में ‘उल्लू डिजिटल’ पर सुरक्षा कानूनों सहित विभिन्न कानूनों के उल्लंघन और ‘सेबी‘ द्वारा कंपनियों की लिस्टिंग को रेगुलेट करने और पब्लिक ऑफर जारी करने के लिए बनाए गए तमाम नियमों की अनुपालना न करने का आरोप लगाया गया है।
‘SEBI’ की चेयरपर्सन श्रीमती माधबी पुरी बुच के अलावा इस पत्र की एक कॉपी ‘BSE’ चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल के नाम भी भेजी गई है। इस पत्र में उदय माहुरकर ने लिखा है, ‘उल्लू डिजिटल लिमिटेड ने अपने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस में इसके प्रमोटर्स के खिलाफ आपराधिक मामलों के इतिहास के बारे में गलत और भ्रामक जानकारी दी है। जबकि इसके प्रमोटर विभु अग्रवाल उल्लू ऐप की महिला एंप्लॉयीज की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोपी रहे हैं और उनके खिलाफ महाराष्ट्र में मुंबई के अंबोली थाने में केस भी दर्ज किया गया है।
मेन स्ट्रीम मीडिया की खबरों के मुताबिक अश्लील कंटेंट तैयार करने और प्रसारित करने के आरोपो में विभु अग्रवाल काफी चर्चाओं में रहे हैं और इस तरह के मामलों में उल्लू ऐप समेत इससे जुड़े कई लोगों के खिलाफ मध्य प्रदेश हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में केस दर्ज किए गए हैं। मेनस्ट्रीम मीडिया के अनुसार, महिलाओं के अशोभनीय चित्रण के मामले में उल्लू प्लेटफॉर्म के डायरेक्टर/प्रमोटर्स विभु अग्रवाल और मेघा अग्रवाल के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की गई है।’
उदय माहुरकर की ओर से भेजी गई शिकायत में यह भी कहा गया है कि ‘उल्लू डिजिटल ने अपना आईपीओ लाने के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी को जो ड्राफ्ट पेपर जमा किए हैं, उनमें सुरक्षा कानूनों सहित विभिन्न कानूनों का उल्लंघन किया गया है और ‘सेबी‘ द्वारा कंपनियों की लिस्टिंग को रेगुलेट करने और पब्लिक ऑफर जारी करने के लिए बनाए गए तमाम नियमों की अनुपालना न करते हुए गलत व भ्रामक जानकारी दी गई है। अपने ड्राफ्ट पेपर में इसके द्वारा यह खुलासा भी नहीं किया गया है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की स्वनियामक संस्था ‘Digital Publisher Content Grievances Council (DPCGC) ने उल्लू प्लेटफॉर्म उपलब्ध कंटेंट को लेकर गंभीर आपत्ति जताते हुए इसे कड़ी फटकार लगाई है।
उदय माहुरकर ने अपनी शिकायत में यह आरोप भी लगाया है कि उल्लू ऐप के खिलाफ ‘राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग’ (एनसीपीसीआर) में भी शिकायत दर्ज की गई है। आरोप है कि Google Play Store और Apple दोनों पर आसानी से उपलब्ध उल्लू ऐप बेहद अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट का प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन करता है। इसके अलावा सबस्क्रिप्शन मॉडल में केवाईसी जैसी सत्यापन विधियों को भी शामिल नहीं किया गया है। इस पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से गूगल (Google) और यूट्यूब (YouTube) को ULLU ऐप के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही ‘सेव कल्चर सेव भारत’ संस्था ने ‘Digital Publisher Content Grievances Council’ में भी उल्लू ऐप के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई है।
‘सेबी’ और ‘बीएसई’ के चेयरमैन को भेजी गई अपनी शिकायत में उदय माहुरकर ने उल्लू ऐप के खिलाफ जांच शुरू करने और आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही जांच पूरी होने तक उल्लू डिजिटल प्लेटफॉर्म को आईपीओ जारी करने से रोकने की मांग की गई है।