सरकार की संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी की स्वीकार्यता के लिए प्रयास लगातार जारी है। इसके लिए सरकार ने दुनिया भर में भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए चालू वित्त वर्ष में 5.98 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है। विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने बुधवार को लोकसभा में यह जानकारी दी।
एक लिखित जवाब में अकबर ने कहा कि पिछली बार विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन 2015 में भोपाल में हुआ था, जिसका एक सत्र शीर्षक ‘विदेशी नीतियों में हिंदी’ पर समर्पित था, जिसमें हिंदी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा में से एक के तौर पर पहचान दिलाने की सिफारिश की गई थी। इसके और सम्मेलन के दूसरे सिफारिशों के क्रियान्वयन के लिए विदेश मंत्री की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था। अंतरराष्ट्रीय भाषा के तौर पर हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिए विश्व हिंदी सचिवालय फरवरी 2008 में मॉरिसस में भी खोला गया था। अकबर ने कहा कि भारत के राजनयिक मिशनों के जरिये दुनिया भर में हिंदी के प्रोत्साहन के लिए मौजूदा वित्तीय वर्ष (2016-17) में 5.98 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।