मुंबई सेंट्रल मंडल के मंडल रेल प्रबंधक श्री जी. वी. एल. सत्य कुमार ने 26 अगस्त, 2020 को वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए कोरोना लॉकडाउन के दौरान मुंबई मंडल द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा संपन्न इस पत्रकार वार्ता में मुंबई, सूरत और वापी के पत्रकारों ने भाग लिया तथा उनके सीधे संवाद के लिए किये गये प्रयास की सराहना की। इस दौरान मुंबई मंडल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर भी उपस्थित थे।
मीडिया को सम्बोधित करते हुए श्री कुमार ने कहा कि माल परिवहन तथा माल ग्राहकों को प्रोत्साहन देने के लिए मुंबई मंडल में बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट का गठन किया गया है। मंडल द्वारा माल ग्राहकों के लिए घोषित की गई। विभिन्न रियायतों को भी लागू किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि मंडल द्वारा नया माल परिवहन प्राप्त करने के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं। माल परिवहन में भविष्य की संभावनाओं को तलाशने के लिए मुंबई मंडल की आर्थिक मैपिंग की गई। मंडल की बीडीयू को उधना, सूरत, चलथान तथा अमलनेर स्टेशनों से नया फ्रेट ट्रैफिक प्राप्त करने में सफलता मिली है। मंडल द्वारा जोगेश्वारी, बोईसर, डहाणु रोड, वलसाड, बारडोली, चलथान और नंदुरबार गुड्स शेडों में सुधार कर अपग्रेड किया गया है। लॉकडाउन की कठिनाइयों के बावजूद उधना न्यू गुड्स शेड से लोडिंग शुरू किया गया, जिसके फलस्वरूप अब तक 65 रेकों में लोडिंग की जा चुकी है।
मंडल गत वर्ष की तुलना में फ्रेट ट्रेनों की गति 49 प्रतिशत तक बढ़ाने में सफल रहा है। गत वर्ष जुलाई माह में 40 KMPH की तुलना में जुलाई, 2020 में मालगाडि़यों की औसत गति लगभग 60 KMPH हो गई है। मंडल की योजना मालगाडि़यों की गति को 75 KMPH तक बढ़ाने की है।
फ्रेट ट्रैफिक को और बढ़ाने के लिए मंडल ने विभिन्न शहरों से माल इकट्ठा कर रेल टर्मिनलों तक लाने, उन्हें रेलवे वैगनों में लोड करने, गंतव्य पर अनलोड कर कस्टमर के दरवाजे पर डिलिवर करने की योजना बनाई है। इससे माल ग्राहकों को रेलवे की ओर आकर्षित करने में अत्यधिक सहायता मिलेगी। मंडल ने वसई रोड और उधना में मल्टी मॉडल लॉजिस्ट पार्कों को विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई है। मंडल द्वारा 10 स्थायी गति प्रतिबंध हटाये गये हैं और इस वर्ष 15 स्थायी गति प्रतिबंधों को हटाने की योजना है।
आपदा को मौके में बदलते हुए मंडल द्वारा कई ढाँचागत सुधार के कार्यों को पूरा किया गया, जिसमें 4 पुलों की मरम्मत, 7 पुराने पुलों की डिस्मेंटलिंग, 22 पैदल ऊपरी पुलों का निर्माण/सुधार तथा 62 पैदल ऊपरी पुलों और 10 सड़क ऊपरी पुलों का सुदृढ़ीकरण शामिल है। हाल ही में ग्रांट रोड और चर्नी रोड के बीच फेररे ब्रिज के 25 मीटर लम्बे 8 स्टील गर्डरों को प्रतिस्थापित किया गया। ट्रेसपास कंट्रोल करने के प्रयासों के तहत मंडल द्वारा 42 गैप को समाप्त किया गया है, 7.2 किमी नई बाउंड्री वॉल का निर्माण करने के साथ ही 7.25 किमी की ट्रैक डिवाइडर फेंसिंग का भी निर्माण किया गया। इसके अतिरिक्त 18 एस्केलेटर और 19 लिफ्टें लगाई गई हैं तथा 145 स्टेशनों पर प्लेटफॉर्मों की ऊँचाई को बढ़ाया गया है।
वर्षा ऋतु के दौरान रेलवे ट्रैक पर पानी के जमाव को रोकने तथा रेल यातायात को बाधित होने से बचाने के लिए लॉकडाउन की कठिनाइयों के बावजूद मॉनसून की तैयारियाँ पूर्ण रूप से की गईं, जिनमें 355 बड़े नालों की सफाई भी शामिल है। इस कारण इस वर्ष लगातार भारी बारिश के बावजूद रेलों का संचालन नहीं रुका।
श्री कुमार ने कहा कि लॉकडाउन घोषित होते ही मुंबई मंडल के जगजीवन राम अस्पताल को कोविड अस्पताल बना दिया गया था। यह मुंबई के उन चुनिंदा अस्पतालों में शामिल है, जहाँ प्लाज़मा थैरेपी दी जा रही है। 2218 कोविड मरीजों में से 2084 मरीजों को छुट्टी दी जा चुकी है, जो इस अस्पताल की उच्च सफलता दर को दर्शाता है।
श्री कुमार ने कहा कि मंडल द्वारा 720 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गई थीं, जो भारतीय रेलवे पर सर्वाधिक है। आईआरसीटीसी के सहयोग से मंडल द्वारा जरूरतमंदों को 1.9 लाख भोजन पैकेटों का वितरण किया गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में चल रही मेल/एक्सप्रेस तथा उपनगरीय ट्रेनों के संचालन में कोविड प्रोटोकॉल का पूरा पालन किया जा रहा है।