भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ा भूमि श्रीधाम वृंदावन की पावन धरा में आयोजित वृंदावन रसोत्सव के पहले दिन स्वर-लय-ताल के साथ भाव-भंगिमाओं से जमकर भक्ति रस बरसाऔर राधाकृष्ण का अलौकिक प्रेम साकार हो उठा। प्रख्यात नृत्यांगना और सांसद हेमामालिनी ने जब लाड़ले कन्हैया की बाल लीलाओं पर भावपूर्ण नृत्य नाटिका प्रस्तुत की तो दर्शक आनंदमय हो गए। देर रात तक चले रसोत्सव में कलाप्रेमियों ने सांसद हेमा मालिनी की नृत्यकला का आनंद उठाने के साथ उनकी प्रस्तुति की जमकर सराहना की। कभी राधारानी तो कभी गोपियों का स्वरूप धारण कर अपने कला-कौशल से हर किसी को रिझाती रहीं। उनकी एक-एक प्रस्तुति में नयनों की चपलता और भाव-भंगिमाओं का अनूठा मिश्रण दर्शकों को भावविभोर करता रहा।
ठाकुर प्रियाकांत जू मंदिर के समीप बने पंडाल में आयोजित वृंदावन रसोत्सव का शुभारंभ साध्वी ऋतंभरा, भागवत प्रवक्ता देवकीनंदन ठाकुरजी, जीएलए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति नारायणदास अग्रवाल, विनीत नारायण और आचार्य अभिषेक गोस्वामी ने ठाकुर बांकेबिहारी के चित्रपट पर पुष्पार्चन और दीप प्रज्ज्वलन कर संयुक्त रूप से किया। हेमामालिनी ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद मथुरा से गोकुल जाने तक की लीलाओं से शुरूआत करते माखन चोरी, पूतना वध, कालिया मर्दन लीलाओं का वर्णन नृत्य अभिनय के द्वारा किया। समापन गोवर्धन धरण लीला से हुआ। रंग बिरंगी रोशनी में नहाए मंच पर हेमा की भाव भंगिमा देखते ही बन रही थी। सह कलाकारों के साथ कृष्ण की लीलाओं पर सामंजस्य बैठा उन्होंने अनोखा नजारा दर्शकों के समक्ष पेश किया। दर्शक ताली बजाने पर मजबूर हो उठे।
नाट्य बिहार कला केंद्र मुंबई और कान्हा अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय वृंदावन रसोत्सव के दूसरे दिन रविवार को छटीकरा मार्ग स्थित ठाकुर प्रियाकांत जू मंदिर के समीप विशालकाय पंडाल में भगवान श्रीकृष्ण और उनकी आल्हादिनी शक्ति राधारानी के अनन्य प्रेम की रसधार प्रवाहित हुई। राधा रासबिहारी पर आधारित दूसरे दिन की प्रस्तुतियों में यहां रासेश्वर श्रीकृष्ण एवं उनकी आल्हादिनी शक्ति राधारानी के अनन्य प्रेम की रसधार प्रवाहित हुई। पहले दिन जहां अभिनेत्री हेमामालिनी मां यशोदा के रूप में वात्सल्य की साक्षात प्रतिमूर्ति बनीं वहीं दूसरे दिन वे राधारानी के रूप में प्रेम व करुणा का अथाह सागर नजर आईं।
आयोजन में सांसद हेमामालिनी ने भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी के अप्रतिम प्रेम को अपनी नृत्यकला के माध्यम से जीवंत कर दिया। उन्होंने अपने सह कलाकार कृष्ण बने पॉल डिसूजा के साथ झूलन लीला का भावपूर्ण मंचन किया। राधा की मनुहार करते हुए कृष्ण उन्हें झूला झुलाते नजर आए। कृष्ण चूड़ी बेचने वाले का वेश धारण कर राधा को रिझाने पहुंचे। महारास लीला में करीब चालीस कलाकारों ने प्रस्तुति दी। एक के बाद एक कई नृत्य प्रस्तुति से श्रीराधाकृष्ण के माधुर्यमयी प्रेम को दर्शाया गया। इसके बाद कान्हा अकादमी के कलाकारों ने होली की लीलाओं का भावपूर्ण मंचन किया। फूलों की होली के मंचन में राधा बनी हेमामालिनी और कृष्ण स्वरूप को गुलाब के फूलों से सराबोर कर दिया गया। आयोजन में नृत्य निर्देशक भूषण लकांद्री,
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