मुंबई। रेल यात्रियों का सुरक्षित और सुखद यात्रा अनुभव सुनिश्चित करने के प्रयासों में पश्चिम रेलवे हमेशा अग्रणी रही है। रेल परिसरों में सुरक्षा और अधिक कड़ी करने के उद्देश्य से पश्चिम रेलवे ने सुरक्षा के क्षेत्र में हुए नवीनतम तकनीकी विकास को अपनाया है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित इन्फ्रारेड इंट्रूडर अलार्म सिस्टम, बॉडी बर्न कैमरा, सेगवे, टॉक बैक सिस्टम आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। ये सिस्टम रेल परिसरों की निगरानी और आपराधिक गतिविधियों पर सतर्क नजर रखने के साथ-साथ अप्रिय घटनाओं पर अंकुश लगाने में उल्लेखनीय मदद करते हैं। ये सभी आधुनिकतम प्रयास पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल के दूरदर्शी नेतृत्व और कुशल मार्गदर्शन के फलस्वरूप सम्भव हो पाये हैं। महाप्रबंधक श्री कंसल ने पश्चिम रेलवे और विशेष रूप से मुंबई उपनगरीय खंड पर सुरक्षा प्रणाली को अपग्रेड करने में हमेशा गहरी रुचि ली है और उनके द्वारा सुरक्षा व्यवस्था और सम्बंधित मापदंडों की नियमित रूप से समीक्षा की जाती है।
महाप्रबंधक श्री कंसल ने पश्चिम रेलवे की सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए नवीनतम और निरंतर उन्नत तकनीक अपनाने पर जोर दिया है और इस दिशा में किये गये लगातार प्रयासों के परिणामस्वरूप दर्ज की गई आपराधिक घटनाओं में जबरदस्त गिरावट आई है। चालू वर्ष 2021 में अगस्त के महीने तक यात्रियों के खिलाफ कुल अपराधों की दर्ज घटनाएँ 1168 रही हैं। उल्लेखनीय है कि पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2020 में दर्ज किये गये यात्रियों से सम्बंधित अपराध वर्ष 2019 में दर्ज 11,283 अपराधों के मुकाबले घटकर 2,875 रह गये, जो लगभग 90 प्रतिशत की गौरतलब गिरावट है। यह भी उल्लेखनीय है कि सीसीटीवी कैमरा सर्विलांस की मदद से वर्ष 2019 में 33 मामलों का पता लगाया गया और 41 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि वर्ष 2020 में पता लगाये गये मामलों की संख्या 21 थी, जिनमें 21 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। इस वर्ष अगस्त, 2021 तक 34 मामलों का पता लगाया गया, जिनमें 38 लोगों को सीसीटीवी निगरानी की मदद से गिरफ्तार किया गया।
स्टेशनों के अलावा यात्रियों एवं विशेष रूप से महिला यात्रियों को असामाजिक तत्वों आदि से बचाने के लिए लोकल ट्रेनों में सुरक्षा उपायों को भी निरंतर मजबूत किया जा रहा है। 48 लोकल ट्रेनों में 1397 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिनमें से 139 सीसीटीवी कैमरे महिला डिब्बों में, जबकि 58 सामान्य डिब्बों में लगाये गये हैं। शेष महिला कोचों में भी जल्द ही सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे। आपात स्थिति और अन्य आवश्यक परिस्थितियों के दौरान यात्रियों के लिए अतिरिक्त सुविधा के रूप में 27 महिला कोचों सहित 87 कोचों में टॉक बैक सिस्टम प्रदान किया गया है। उपरोक्त इंतजामों के अलावा, यात्रियों के खिलाफ अपराधों का पता लगाने और उन्हें रोकने के लिए प्रमुख स्टेशनों पर सुरक्षा कर्मियों की विशेष टीमों का गठन किया गया है।
ये टीमें फटका गिरोहों द्वारा संचालित ब्लैक स्पॉट की पहचान के लिए जीआरपी और स्थानीय पुलिस के साथ निकट समन्वय के ज़रिये अपनी कार्रवाई सुनिश्चित करती हैं। अपराधियों का पता लगाने और उन्हें पकड़ने के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ अपराधियों के बारे में उपलब्ध जानकारी और तस्वीरों का नियमित आधार पर आदान-प्रदान किया जाता है। इंटरऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (ICJS) और क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (CCTNS) पोर्टल के माध्यम से आदतन अपराधियों और पुराने दोषियों पर भी नियमित निगरानी की जा रही है।
मुंबई उपनगरीय खंड पर सुरक्षा उपायों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सुरक्षा विभाग द्वारा विभिन्न कारगर उपाय अपनाये गये हैं। पश्चिम रेलवे ने रेल परिसरों में किसी भी तरह की संवेदनशील गतिविधियों का पता लगाने के लिए उपनगरीय स्टेशनों पर 2700 से अधिक कैमरे लगाये हैं। इनमें से 450 कैमरों में फेस रिकग्निशन फीचर मौजूद हैं, जो संवेदनशील क्षेत्रों में लगाये गये हैं। ये कैमरे चौबीसों घंटे निगरानी को सक्षम बनाते हैं और स्टेशनों पर सुरक्षा खतरों पर पैनी नज़र रखते हैं। एक अन्य ब्रेक-थ्रू तकनीक इन्फ्रारेड इंट्रूडर अलार्म सिस्टम है, जो 360 डिग्री कवरेज सुनिश्चित करने वाले सात इन्फ्रा-रेड आधारित सीसीटीवी कैमरा फीड के साथ संचालित होता है। यह त्वरित प्रतिक्रिया के साथ कर्मचारियों को सतर्क करने के लिए सुरक्षा नियंत्रण को डिस्ट्रेस कॉल, एसएमएस या मेल भेजता है। त्वरित प्रतिक्रिया समय और रात्रि दृष्टि क्षमता के साथ 24 घंटे कवरेज वाली यह प्रणाली सुनिश्चित करती है कि उस क्षेत्र विशेष में फुल-प्रूफ सुरक्षा कायम रहे।