हमारे आसपास दो तरह के लोग रहते हैं – पहली श्रेणी में वे लोग आते हैं, जो हर काम की योजना पहले ही बना लेते हैं और दूसरी श्रेणी में वे लोग होते हैं, जो हर काम आखिरी वक्त पर करते हैं। दूसरी श्रेणी के लोग अगर गर्मी या सर्दी की छुट्टियों पर जाने की योजना भी आखिरी वक्त पर बना रहे हों तो उन्हें सैर-सपाटे की जगह चुनने में सावधानी बरतनी चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि सैर की योजना आखिरी वक्त में बने तो सैलानियों को ऐसी जगह नहीं जाना चाहिए, जो बेहद लोकप्रिय हों।
लोग यही मानते हैं कि छुट्टियों की योजना आखिरी वक्त पर यानी अचानक बनाई जाए तो जेब पर बहुत भारी पड़ती है। लेकिन हमेशा ऐसा ही नहीं होता। अलबत्ता आपको खर्च इस बात पर जरूर निर्भर करता है कि आप कहां जा रहे हैं क्योंकि लोकप्रिय जगहों पर ज्यादातर होटल आदि पहले ही बुक हो चुके होते हैं। उड़ान से कुछ पहले ही टिकट बुक कराएं तो भी जेब को अच्छी खासी चपत लगती है। लेकिन वहां भी मामला मांग पर निर्भर करता है यानी जहां के टिकटों की ज्यादा मांग नहीं होती, वहां के टिकट भी सस्ते पड़ते हैं। यात्रा डॉट कॉम के मुख्य परिचालन अधिकारी (बी2सी) शरत ढल का कहना है, ‘विमान के टिकट और होटल का कमरा अलग-अलग बुक कराना महंगा पड़ता है और दोनों के लिए कॉम्बो डील काफी सस्ती पड़ती है। अगर ढेर सारे लोग सैर के लिए जा रहे हैं तो पैकेज डील करना मुनासिब होगा क्योंकि उसमें समूह के हरेक व्यक्ति को कुछ आराम मिल जाता है। सैलानी कार, होटल और हवाई टिकट एक साथ भी बुक करा सकते हैं।’ इसके अलावा अगर आप लंबे सप्ताहांत पर छुट्टी मनाने जा रहे हैं, लेकिन इसकी योजना भी आखिरी वक्त पर बनी है तो आपके लिए मामला खासा खर्चीला हो सकता है। हां, यही छुट्टी आप हफ्ते के कामकाजी दिनों के दौरान लेंगे तो आपको बढिय़ा सौदा हाथ लग सकता है। एसओटीसी ट्रैवल के प्रबंध निदेशक विशाल सूरी कहते हैं, ‘जिन शहरी भारतीय सैलानियों के पास खर्च करने के लिए अच्छा खासा पैसा है, वे पहले की तरह साल में एक बार लंबी छुट्टी मनाने नहीं जाते। उसकी जगह वे बार-बार कम दिनों की सैर पर निकल जाते हैं।’ अगर आप भी छुट्टी पर जाना चाहते हैं और आखिरी वक्त पर योजना बना रहे हैं तो आपके लिए पेश हैं कुछ ऐसी जगहें, जो अच्छी हैं, लेकिन अलग हैं।
जॉर्डन
इस देश को ‘पश्चिम एशिया का नगीना’ भी कहा जाता है। इसकी वास्तुकला दुनिया भर में मशहूर है और कुछ इमारतें तो 300 ईसा पूर्व की भी बताई जाती हैं। अगर अरब के इस प्राचीन देश से ढंग से रूबरू होना है तो कम से कम एक हफ्ते की छुट्टी लेनी ही पड़ेगी। जॉर्डन में सबसे ज्यादा सैलानी पेट्रा में कदम रखते हैं, जो बेहद पुराना शहर है और बलुई पत्थर से बनाई गई पुरानी इमारतों के लिए जाना जाता है। रोमन वास्तुकला के मुरीदों को जेराश भी जाना चाहिए, जो इटली के बाहर सबसे अच्छे ढंग से संजोया गया प्राचीन रोमन शहर है। जॉर्डन की राजधानी अम्मान, फीनान ईकोलॉज और मशहूर मृत सागर भी सैलानियों के लिए आकर्षण के बड़े केंद्र हैं।
सेशेल्स
यह द्वीप हिंद महासागर में स्थित है और अफ्रीका में मैडागास्कर की उत्तर पूर्व दिशा में है। एक्सपीडिया इंडिया के मार्केटिंग प्रमुख मनमीत आहलूवालिया बताते हैं, ‘अपने समुद्र तटों (बीच) और मनभावन खूबसूरती के कारण यह द्वीप भारतीयों के बीच काफी लोकप्रिय है। यदि आप विभिन्न द्वीपों की सैर करना चाहते हैं तो आपको माहे और प्रासलिन में कार किराये पर ले लेनी चाहिए।’ सेशेल्स में प्रासलिन द्वीप आकर्षण का मुख्य केंद्र है और यह अपने सुंदर समुद्र तटों तथा साफ पानी के लिए मशहूर है। सेशेल्स में गोताखोरी और स्नोरकेलिंग (गोताखारी का मास्क पहनकर नली के जरिये सांस लेते हुए समुद्र में तैरना) सैलानियों की सबसे पसंदीदार गतिविधियां हैं।
कंबोडिया
एक ओर थाईलैंड और दूसरी ओर वियतनाम से घिरा यह दक्षिण एशियाई देश एडवेंचर के शौकीनों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है क्योंकि उन्हें अपना शौक पूरा करने के लिए यहां बहुत कुछ मिलता है। अंकोरवाट कंबोडिया के सबसे प्रसिद्घ मंदिरों में शुमार है और को रोंग नाम का द्वीप भी है, जो अपने सफेद समुद्र तटों और घने जंगलों के लिए दुनिया भर में मशहूर है। पानी के भीतर समुद्र का अनूठा अनुभव लेने की हसरत रखने वालों के लिए यह जगह बहुत मार्के की है क्योंकि यहां स्नोरकेलिंग और स्कूबा डाइविंग का अच्छा मौका मिलता है। सैलानी कार्डामनन पहाडों में वन्यजीवन का भी लुत्फ ले सकते हैं।
जापान
अगर किसी परिवार में कई पीढिय़ां हैं तो जापान उनके लिए एकदम मुफीद जगह है क्योंकि यहां सभी के लिए कुछ न कुछ आकर्षण है। द्वीपों का यह देश फूजी पर्वत, इंपीरियल पैलेस और निजूबाशी पुल, हिरोशिमा पीस मेमोरियल पार्क, इत्सुकुशिमा समाधि और ओसाका किले के लिए दुनिया भर में मशहूर है। इसके अलावा भी कई स्थान हैं, जो बहुत लोकप्रिय नहीं हैं, लेकिन एडवेंचर से भरपूर हैं। उन्हें छोड़ दें तो दुबई, सिंगापुर, बाली, हॉन्गकॉन्ग और थाईलैंड सैलानियों के पसंदीदा स्थानों में शामिल हैं। थॉमस कुक इंडिया में अध्यक्ष और कंट्री प्रमुख – हॉलिडेज, माइस, वीजा एवं पासपोर्ट राजीव काले कहते हैं, ‘इस बार गर्मियों में जिन लोगों को आखिरी वक्त पर छुट्टिïयां मनाने का मौका मिल पाया, उन्होंने कम मियाद की और किफायती छुट्टियों को ही तरजीह दी। कम वक्त के लिए छुट्टिïयां मनाने के नाम पर भारतीय सैलानी सिंगापुर, श्रीलंका, बाली, मलेशिया, थाईलैंड, मॉरीशस और हॉन्गकॉन्ग-मकाऊ को सबसे ज्यादा पसंद करते हैं।’
दुबई
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में दुबई सबसे ज्यादा मशहूर है और सैलानी भी सबसे ज्यादा यहीं की सैर करना चाहते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि यहां की यात्रा करना और घूमना लोगों की जेब को सबसे ज्यादा माफिक आता है। दुबई को दुनिया में अहम कारोबारी ठिकाना माना जाता है ओर पर्यटकों के लिए भी यह सबसे ज्यादा अनुकूल और सबसे कम मुश्किलों वाली जगह है। अगर आप दुबई जाते हैं तो आपको रेगिस्तान में सफारी करने का मौका तो मिलेगा ही, इंडोर स्काईडाइविंग और सीप्लेन फ्लाइट का मजा भी आप उठा सकते हैं। इसके अलावा दुबई एक्वेरियम भी है, जो विदेशियों के लिए बहुत बड़ा आकर्षण बन गया है और दुनिया के सबसे बड़े तैरते एक्वेरियम में जिसकी गिनती होती है। इतना काफी नहीं है तो बुर्ज खलीफा भी है, जहां आप 124वीं मंजिल पर खड़े होकर समूचे दुबई को एक साथ नजर में भर सकते हैं।
सिंगापुर
दक्षिण पूर्व एशिया में यह जाना-पहचाना नाम है और कम खर्च में आलीशान होटलों में ठहरने की हसरत रखने वालों की डायरी में सिंगापुर का नाम सबसे ऊपर होता है। यहां कई तरह के लजीज व्यंजन भी मिलते हैं और नामचीन ब्रांड का सामान खरीदने का इससे अच्छा ठिकाना मुश्किल से ही मिलेगा। सिंगापुर में मेट्रो का नेटवर्क इतनी समझदारी के साथ तैयार किया गया है कि सैलानियों को कहीं भी घूमने में किसी तरह की दिककत नहीं होती है। अगर आप यहां जाते हैं तो मरीना बे सैंड्स, सेंटोसा आईलैंड, लिटिल इंडिया और अरब स्ट्रीट घूमना मत भूलिए। इसके अलावा सिंगापुर फ्लायर भी है, जो झूला झुलाने वाले सबसे बड़े चक्कों में शामिल है और जिसके ऊपर से पूरे सिंगापुर की नायाब झांकी दिखाई देती है। इसके बाद भी मन नहीं भरे तो कुदरत की खूबसूरती से लबरेज गार्डन्स ऑफ द बे है, जो अपनी अनूठी बनावट के लिए लोकप्रिय है। इसके बीचोबीच सुपर ग्रोव भी है। सिंगापुर में छुट्टिïयां मनाने के लिए आप कोई भी पैकेज लें, गार्डन्स ऑफ द बे उसमें शामिल होने की पूरी संभावना है।
थाईलैंड
सिंगापुर के पड़ोस में थाईलैंड ऐसा मुल्क है, जिसमें कभी न कभी कदम रखने की हसरत दुनिया भर के सैलानियों में होती है। इसे प्राथेर थाई भी कहते हैं, जिसका मतलब है ‘आजाद लोगों की भूमि’। थाईलैंड में दो जगहें सैर-सपाटे के लिए सबसे ज्यादा मशहूर हैं – बैंकॉक और पट्टाया। इनके अलावा भी थाईलैंड में घूमने के लिए बहुत कुछ है मसलन तैरते हुए बाजार, सिमिलन द्वीप और भव्य महल वाट फो तथा वाट अरुण। गोल्ड ट्रायंगल भी काफी लोकप्रिय आकर्षण है, लेकिन छुट्टियों के हरेक पैकेज में इसे शामिल नहीं किया जाता। अलबत्ता आपको पता होना चाहिए कि यही वह जगह है, जहां रुआक नदी मेकॉन्ग नदी में मिलती है और गोल्डन ट्रायंगल पार्क तक की नाव लेकर आप इसका भरपूर मजा ले सकते हैं।
साभार- https://hindi.business-standard.com से